छत्‍तीसगढ़ के युवा किसानों को दुग्ध उत्पाद से जुडना चाहिए, बढेगी आय

छत्‍तीसगढ़ में वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर चल रहे राज्य स्तरीय पांच दिनी कृषक प्रशिक्षण के तीसरे दिन कई प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि व प्रभारी कुलपति डाक्‍टर एसपी इंगोले ने अपने संबोधन में कहा गया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में डेयरी व्यवसाय ने न केवल अपने आय को स्थिर किया है, बल्कि प्रगति भी की है। इसमें असीम संभावनाऐं हैं। इसी नजरिए देखे तो इस प्रशिक्षण से युवाओं और कृषकों को लाभ होगा। साथ ही युवा किसानों को दुग्ध उत्पादन से जुडना चाहिए, इससे आर्थिक आय में बढोत्तरी होगी।

ज्ञात होकि दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के अंतर्गत पशुचिकित्सा, पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा में वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्यस्तरीय पांच दिवसीय (2 अगस्त से 6 अगस्त 2021) तक प्रशिक्षण चल रहा है। अन्य राज्यों से प्रशिक्षण में पहुंचे विषय जानकारों ने डेयरी कारोबार को कैसे बढडेयरी पालन पर हुई चर्चा जिसका शुभारंभ दो अगस्त विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डाक्‍टर इंगोले के मुख्य आतिथ्य में की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाक्‍टर एस.के तिवारी ने की।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डाक्‍टर एके सांतरा, प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष पशु उत्पादन, प्रबंधन विभाग, डाक्‍टर के मुखर्जी प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष आइएलएफसी विभाग थे ।

कृषकों को किया गया जागरूकइस प्रशिक्षण में एक सौ पच्चीस से अधिक कृषकों ने हिस्सा लिया।अधिष्ठाता डाक्‍टर एसके. तिवारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में कृषकोपयोगी विषयों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कृषकों को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।डाक्‍टर के मुखर्जी ने दुधारू पशुओं की नस्लों के बारे में कृषकों को जागरूक होने की सलाह दी गई। उन्होंने कृषकों को प्रशिक्षित होकर गुजरात की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में डेयरी विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान डाक्‍टर सुभाष वर्मा, डाक्‍टर क्रांति शर्मा, डाक्‍टर शिवेश देशमुख सहित कई शिक्षक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत मे डाक्‍टर किरण कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन कर सभी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगियों का आभार व्यक्त किया गया।

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