नौजवान देश के लिए जान देने को तैयार हैं, लेकिन सरकार सेना में भर्ती करने को तैयार नहीं है: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सेना की भर्ती के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि नौजवान देश के लिए जान देने को तैयार हैं, लेकिन यह निकम्मी सरकार सेना में भर्तियां करने के लिए तैयार नहीं है. 

राहुल ने बुधवार को ट्विटर पर कुछ नौजवानों का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘नौजवान देश के लिए जान देने को तैयार हैं, लेकिन यह निकम्मी सरकार सेना में भर्तियां करने के लिए तैयार नहीं है.’ राहुल गांधी ने जो वीडियो शेयर किया है उसमें कुछ युवक सेना में भर्ती की मांग कर रहे हैं. युवक कह रहे हैं कि कोई परीक्षा नहीं हो रही है. सरकार बता नहीं रही है कि वो कब परीक्षा लेगी. कारण पूछो तो कोरोना बताते हैं.

राहुल ने जो वीडियो शेयर किया है उसमें वो युवक भी है जो राजस्थान के सीकर से दौड़कर दिल्ली पहुंचा था. उसने 50 घंटे में 300 किमी का सफर तय किया. ये युवक सेना में शामिल होने के लिए सीकर से दिल्ली में एक प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचा था. 24 वर्षीय इस युवक का नाम सुरेश भिंचर है. 

सरकार ने संसद में क्या जवाब दिया

सेना में भर्ती के मुद्दे पर सरकार ने संसद में जवाब दिया था. सरकार ने कहा कि कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में भारतीय थल सेना में भर्ती प्रक्रिया स्थगित हुई और इस पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. 

उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन यह अभी समाप्त नहीं हुआ है. कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले दो सालों में थल सेना में भर्ती रैलियों का आयोजन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि ऐसी भर्ती रैलियों में बड़ी संख्या में उम्मीदवार जुटते हैं, इसलिए ऐसी भर्ती रैलियों को स्थगित कर दिया गया, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. उन्होंने कहा कि इस दौरान वायु सेना और नौसेना में ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया जारी रही और कर्मियों की भर्ती की गई है. 

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