नशे की गिरफ्त में हरियाणा के युवा

दूध-दही के खाने के लिए मशहूर हरियाणा अब पड़ोसी राज्य पंजाब की तरह नशे की गिरफ्त में आ रहा है। प्रदेश के 22 में से 10 जिले बुरी तरह से नशे की चपेट में हैं। ऐसा नहीं है कि शेष 12 जिले नशे से मुक्त हैं। यहां भी नशे का चलन बढ़ रहा है। युवा ही नहीं बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

नशा करने वालों में 18 से 35 वर्ष के युवाओं की संख्या अधिक है। इससे भी गंभीर बात ये है कि महिलाएं और लड़कियां नशीले पदार्थों को एक दूसरे स्थानों पर पहुंचाने के लिए कैरियर का काम कर रही हैं। पिछले आठ साल के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में हर साल औसतन 47 से 50 युवक नशे के कारण दम तोड़ रहे हैं। साल 2022 में 84 युवाओं ने जान गंवाई।

प्रदेश के सिरसा, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत और नूंह नशे का गढ़ बन चुके हैं। इन जिलों में नशे का कारोबार फल फूल रहा है। खासकर पंजाब के साथ लगती सीमा वाले जिलों में युवा सिंथेटिक नशा कर रहे हैं। यहां बढ़ते नशे को रोकने के लिए खुद देश के गृह मंत्री अमित शाह चिंता जता चुके हैं और आसपास के सभी पड़ोसी राज्यों को मिलकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्ववान कर चुके हैं। सरकारें कोशिश जरूर कर रही हैं, लेकिन नशा तस्करों की चेन नहीं तोड़ पा रही हैं।

पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ बिहार-ओडिशा से भी आ रही नशे की खेप
हरियाणा में नशे की बढ़ती मांग के चलते तस्कर सभी प्रकार के नशे की खेप की खेप सप्लाई कर रहे हैं। हरियाणा में पंजाब के अलावा दिल्ली और राजस्थान के रास्ते नशे की सप्लाई हो रही है। नारकोटिक्स अधिकारियों के मुताबिक हरियाणा में हेरोइन की सप्लाई मुख्य रूप से दिल्ली और पंजाब से हो रही है। अफीम और चूरापोस्त राजस्थान से आ रहा है और ओडिशा से गांजे की सप्लाई हो रही है। अब सबसे बड़ी चुनौती सिंथेटिक ड्रग्स की सप्लाई बन गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक यह ड्रग्स दिल्ली, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान, यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार के तस्कर हरियाणा में सप्लाई कर रहे हैं। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि हरियाणा में नशे की सप्लाई में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें हेरोइन, गांजा, चरस, अफीम, स्मैक, कैप्सूल और कफ सिरप जैसे नशे शामिल हैं।

हर साल नशा करने वाले एक लाख युवा करा रहे पंजीकरण
आंकड़े बताते हैं कि पिछले सात साल से अधिक समय में पूरे हरियाणा के नशा मुक्ति केंद्रों में 7.12 लाख नशा करने वालों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 2018 से हर साल एक लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए। 2018 में कुल 1.02 लाख नशे के आदी लोगों ने पंजीकरण कराया। वहीं 2019 में 1.16 लाख, 2020 में 1.08 लाख और 2021 में 1.16 लाख और 2022 में एक लाख से अधिक लोगों ने नशा छुड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।

बाइक पर बैठे-बैठे गंवा दी जान
पिछले वर्ष 23 मई को सिरसा के डबवाली में राजस्थान सीमा पर स्थित गांव लोहगढ़ में एक युवक का बाइक पर शव मिला था। करीब 23 साल के इस युवक के हाथ में नशे की सिरिंज लगी मिली थी। युवक गांव लोहगढ़ के साथ स्थित करणी सिंह ब्रांच नहर के पास खड़ा होकर नशे का इंजेक्शन लगा रहा था और ओवरडोज से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हरियाणा में नशे से मौत के ऐसे एक नहीं नहीं कई उदाहरण हैं।

जहरीली और नकली शराब से हो चुकी 36 लोगों की मौत
नशे के अलावा प्रदेश में जहरीली और नकली शराब से पिछले सात साल में 36 लोगों की मौत हो चुकी है। 2016 में 2, 2020 में 30 और 2022 में 4 लोगों की मौत हुई है।

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