उत्तरी दिल्ली में आज से नहीं जलेंगी 65 हजार स्ट्रीट लाइट, अपराध की आशंका में पुलिस से गुहार

उत्तरी दिल्ली के अनधिकृत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रात के समय अंधेरी गलियों से गुजरना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) पर टाटा पावर डीडीएल का 22 करोड़ रुपये बकाया है। इन इलाकों में 65 हजार स्ट्रीट लाइट हैं, जिनकी देखरेख का जिम्मा कंपनी कर रही है। 

पिछले 32 महीनों से बकाया का भुगतान नहीं किए जाने पर टाटा पावर ने बृहस्पतिवार से इन क्षेत्रों की सभी स्ट्रीट लाइट बंद रखने का फैसला लिया है। कंपनी ने दिल्ली सरकार, मंत्रालय समेत दिल्ली पुलिस के आयुक्त को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि लोगों को परेशानियों से न जूझना पड़े।

इतनी बड़ी संख्या में अगर स्ट्रीट लाइट बंद होती हैं तो आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी के साथ दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। कंपनी की ओर से उत्तर और उत्तर पश्चिमी दिल्ली की कई अनधिकृत कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट की देखभाल की जा रही है, जिससे वहां रहने वाले लाखों लोग प्रभावित होंगे। कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि इस काम के लिए हर महीने 70 लाख रुपये खर्च करती है। साथ ही कंपनी ने डीएसआईआईडीसी पर इसकी जिम्मेदारी नहीं लेने का भी आरोप लगाया है।

टाटा पावर-डीडीएल के सीईओ गणेश श्रीनिवासन का कहना है कि कंपनी अपने नेटवर्क क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं देने में लगातार प्रयासरत रहती है। लंबे समय से बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से स्ट्रीट लाइट के नियमित रखरखाव में मुश्किलें बढ़ती जा रही है। निवासियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सभी को स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here