कांग्रेस सीईसी की बैठक खत्म, अमेठी और रायबरेली से राहुल-प्रियंका की उम्मीदवारी पर खड़गे लेंगे फैसला

लोकसभा चुनाव में वैसे तो कई सीटें चर्चा और केंद्र में बनी हुई हैं. इन सीटों में अमेठी और रायबरेली सीट भी खासा प्रभाव रखती है. खास इसलिए क्योंकि कयासों के बाजार में सुगबुगाहट है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड के अलावा यहां से भी चुनाव लड़ सकते हैं. जबकि रायबरेली से प्रियंका गांधी को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस का कौन प्रत्याशी होगा इसपर आज CEC की मीटिंग में फैसला होना था. हालांकि आज भी इसपर फैसला नहीं लिया जा सका है.

बता दें कि दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में CEC की मीटिंग खत्म हो गई है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर अब नाम तय करने का फैसला छोड़ा गया है. मीटिंग में अमेठी सीट से राहुल गांधी के नाम को और रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी के नाम को आगे बढ़ाया गया था.

पंजाब, हिमाचल, UP की सीटों पर भी मंथन

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति मीटिंग में सोनिया गांधी, खरगे समते पार्टी के अन्य बड़े नेता शामिल हुए. पार्टी सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में हरियाणा की 1, पंजाब की 5, हिमाचल 2, यूपी 2 और लद्दाख की 1 सीट के लिए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई. जल्द ही इन सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम घोषित हो सकते हैं.

बैठक में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर राजा वड़िंग और सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा भी शामिल हुए. देर रात शुरू हुई बैठक में यूपी की दो लोकसभा सीटों अमेठी और रायबरेली पर चर्चा के लिए प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे और यूपी में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा भी पहुंचे. जानकारों की मानें तो 28 अप्रैल को कांग्रेस अपनी नई लिस्ट जारी कर सकती है.

वाजपेयी और लालकृष्ण का जिक्र

बीजेपी ने अमेठी के बजाय केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी. खरगे से जब इस मामले पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो लोग सीट बदलने के लिए कांग्रेस नेताओं पर सवाल खड़े करते हैं, वो खुद बताएं कि अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने कितनी बार अपनी सीट बदली थीं.

जानें अमेठी-रायबरेली सीट का इतिहास?

उत्तर प्रदेश का अमेठी को कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक कार्मभूमि के तौर पर देखा जाता है. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी भी इस सीट से निर्विचित हो चुकी हैं. साल 2014 में राहुल गांधी इसी सीट से सांसद चुने गए थे. लेकिन पिछले आम चुनाव में बीजेपी से मैदान में उतरीं स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया था. अगर बात रायबरेली सीट की करें तो ये भी कांग्रेस का गढ़ रही है. पूर्व पीएम इंदिरा गांधी भी इसी निर्वाचन क्षेत्र से रही हैं. पांच बार सोनिया गांधी इसी सीट से सांसद चुनी जा चुकी हैं.

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