एक ओर जब लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ज्यादा इसके खौफ से अपनी जान गंवा रहे हैं, एंपी के सागर में 104 साल की वृद्धा इसे हराने में कामयाब रही हैं। बीना निवासी सुंदर बाई जैन के ठीक होने को लेकर डॉक्टर भी आश्वस्त नहीं थे, लेकिन उन्होंने अस्पताल पहुंचते ही कहा था कि कोरोना उनसे मजबूत नहीं है और वे इसे हरा देंगी। उन्होंने अपनी बात को सच साबित कर दिखाया।
हाइलाइट्स:
- 104 वर्षीय वृद्धा ने जीती कोरोना से जंग
- सागर में बीना की रहने वाली सुंदर बाई जैन ठीक होकर घर लौटीं
- ठीक होने के बाद दादी ने कहा, कोरोना तन की नहीं मन की बीमारी है
सागर
मध्य प्रदेश के सागर स्थित भाग्योदय अस्पताल से एक सुखद खबर सामने आई है जो कोरोना से जूझ रहे लाखों लोगों को हौसला दे सकती है। बीना निवासी श्रीमती सुंदर बाई जैन ने 104 साल की उम्र में कोरोना को मात दे दी है।
सुंदर बाई को 10 मई को भर्ती कराया गया था। 104 वर्ष की उम्र के कारण उनके ठीक होने को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थीं। डॉक्टर भी ज्यादा उम्मीद नहीं रख रहे थे। लेकिन सुंदर बाई ने अस्पताल पहुंचते ही कहा था कि कोरोना उनसे ज्यादा मजबूत नहीं है। उन्होंने परिजनों और डॉक्टरों से कहा था कि आप लोग चिंता नहीं करना, हम इस बीमारी को जीत लेंगे।
सुंदर बाई ने इसे सही साबित कर दिखाया। लगभग 10 दिन के इलाज के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो गईं और घर लौट आई हैं। संयोग यह है कि कोरोना को मात देने के एक दिन पहले यानी 19 मई को उन्होंने अपने जीवन के 104 वर्ष भी पूरे कर लिए।
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सुंदर बाई ने कहा कि कोरोना तन की नहीं, मन की बीमारी है। कोरोना का नाम सुनकर लोग डर जाते हैं। इसमें डरने की नहीं, बल्कि लड़ने की जरूरत है। उन्हें गुरुवार दोपहर में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और परिजन उन्हें बीना ले गए। वर्तमान में भाग्योदय तीर्थ अस्पताल में 80 बेड कोविड-19 मरीजों के लिए हैं जिन पर 75 मरीज भर्ती हैं।