नई दिल्ली, पंजाब में कृषि विधेयकों के विरोध में सत्तापक्ष और विपक्ष के एक स्वर में बोलने से हरियाणा सरकार अतिरिक्त सतर्क हो गई है।
असल में हरियाणा सरकार की चिंता है कि पंजाब के साथ लगते जिलों में किसान भड़क न जाएं। पंजाब के किसानों का हरियाणा में सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, कुरुक्षेत्र तक सीधा प्रभाव रहता है।
इसी तरह राज्य सरकार ने राजस्थान से लगते हिसार, रेवाड़ी जिलों में भी किसान आंदोलन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से सतर्कता बरतने को कहा है।
- राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार है। हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ खुद किसानों के बीच सक्रिय हैं।
- उन्होंने विधायकों से लेकर जिला भाजपा प्रधानों को भी किसानों के बीच जाकर उन्हेंं तीनों कृषि विधेयकों को बारे में विस्तार से बताने का निर्देश दिया है।
- कृषि विधेयकों को अधिनियम बनाने के लिए संसद के मानसून सत्र में चर्चा चल रही है। दो कृषि विधेयकों को लोकसभा में पारित भी कर दिया गया है।
लोकसभा में विधेयक पारित होने के बावजूद किसानों को समझाने के प्रयास जारी रखेगी सरकार
हरियाणा सरकार कृषि विधेयकों को लेकर किसानों की शंका और आशंका को दूर करने में जुटी है। राज्य सरकार आगे भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य को जारी रखने सहित अन्य व्यवस्थाओं को जारी रखने को आश्वस्त करेगी। इसके लिए भाजपा के विधायकों और नेताओं के साथ मंत्री भी सक्रिय रहेंगे।