फ्री कोरोना टेस्ट पर सरकार ने लगाई रोक, निजी कामों के लिए कोरोना टेस्ट कराने के लिए अब देना होगा पैसा

हरियाणा। कोरोना का टेस्ट कराने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में मोटी रकम ली जाती है। जिनके पास पैसा है वह प्राइवेट अस्पताल में जाकर अपना टेस्ट करा लेते हैं लेकिन जिनके पास पैसे की कमी है वह लोग सरकारी अस्पताल का रुख करते हैं। लेकिन ऐसे भी बहुत से लोग है जो बगैर डॉक्टर के पर्चे के सरकारी अस्पताल में अपनी कोरोना जांच कराने पहुंच जाते हैं। अब ऐसे लोगों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने रास्ता ढूंढ निकाला है।

अब बगैर डॉक्टर के रेफर किए सीधे सरकारी अस्पताल पहुंचकर कोरोना जांच कराने वालों से फीस ली जाएगी। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि फीस सिर्फ उन्हीं लोगों से ली जाएगी, जिन्हें मेडिकली जांच की जरूरत नहीं है और विदेश या दूसरे राज्यों में यात्रा के लिए, नौकरी पर जाने के लिए या फिर शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने जैसे अन्य कार्यों के लिए जांच करा रहे हैं। ऐसे लोगों से अब सरकार 250 रु. से लेकर 1600 रु. तक की फीज बतौर चार्ज लिया जाएगा।

बता दें कि मरीजों से फीस नहीं ली जाएगी लेकिन मरीजों को अपने करीबी अस्पताल के डॉक्टर से जांच के लिए रेफर कराना होगा। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने एक लेटर भी जारी किया है। बिना बीमारी के कोरोना की जांच कराने के लिए अलग विंडो होगी। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने फैसला लिया है कि प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में जांच, इलाज के लिए तय रेट अब हरियाणा के रहने वालों के लिए ही रहेंगे। जबकि अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों से प्राइवेट अस्पताल अपने हिसाब से चार्ज ले सकेंगे।

सरकार का यह निर्णय इसलिए सामने आया है क्योंकि पड़ोसी राज्यों के लोगों को हरियाणा के अस्पतालों में भर्ती होने से यहां के लोगों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि भारी संख्या में सामान्य लोग जांच कराने के लिए आ रहे हैं। इसलिए यह चार्ज निर्धारित किया गया है। लेकिन साफ कर दें कि  मरीजों से पैसा नहीं लिया जाएगा। उनकी जांच पहले की तरह नि:शुल्क होगी।

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