विपक्ष के झूठे, भ्रामक प्रचार की प्रधान मंत्री ने उड़ाई धज्जियां!


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राम मंदिर, डीएमके का सनातन विरोधी मुद्दा, यूक्रेन-रूस जंग, इलेक्टोरल बॉन्ड, भारत के विकास का रोडमैप जैसे कई मुद्दों पर बात की।
मोदी ने यह बात न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘राम मंदिर उनके (विपक्ष) लिए राजनीतिक हथियार था। अब हुआ क्या..राम मंदिर बन गया। उनके हाथ से मुद्दा निकल गया।’

यह तो सिर्फ ट्रेलर है’ का क्या मतलब होता है, सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं कहता हूं कि मेरे मन में बहुत बड़े-बड़े प्लान हैं। इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है। मेरे निर्णय किसी को डराने के लिए नहीं हैं। मेरे निर्णय किसी को दबाने के लिए भी नहीं हैं। मेरे निर्णय देश के लिए विकास के लिए हैं।

प्रधानमंत्री से 9 सवाल-जवाब…
सवाल: आपने कई भाषणों में कहा है कि आपका लक्ष्य 2024 नहीं, 2047 है तो 2047 तक क्या कुछ होने वाला है? क्या ये चुनाव महज फॉर्मेलिटी है।
मोदी: मैं समझता हूं कि 2047 और 2024 दोनों को मिक्स नहीं करना चाहिए। दोनों अलग-अलग चीजें हैं। देश जब आजादी के 75 साल मना रहा था, उसी समय मैंने यह विषय लोगों के सामने रखना शुरू किया था। मैं कहता था कि 2047 में देश की आजादी के 100 साल होंगे। ये माइलस्टोन होगा। ये ऐसी चीजें हैं, जो व्यक्ति में नए संकल्प भरती हैं। मेरा मानना है कि ये एक मौका है। 75 साल पर हम खड़े हैं और 100 साल पर पहुंचने वाले हैं। इस 25 साल का हम सर्वाधिक उपयोग कैसे करें। हर इंस्टीट्यूशन अपना लक्ष्य बनाए कि मैं इतना करूंगा।

दूसरा है 2024- इसमें चुनाव का जो क्रम है, वो आया हुआ क्रम है। मैं मानता हूं कि चुनाव एक ऑल टूगेदर डिफरेंट थिंग है। लोकतंत्र में चुनाव को लाइटली नहीं लेना चाहिए। यह एक बहुत बड़ा महापर्व है। मेरा मानना है कि इसे उत्सव के रूप में मनाना चाहिए। जैसे स्पोर्ट्स के इवेंट्स होते हैं, वो स्पोर्ट्समैन स्पिरिट को पैदा करते हैं। जब खेल का मैदान होता है, तब खेलने वाले, देखने वाले, स्पोर्ट्समैन स्पिरिट का एनवायर्नमेंट क्रिएट होता है।

सवाल: आप स्पीच में कहते हैं कि अभी तो ट्रेलर है, अभी तो बहुत कुछ करने वाला हूं। आपका विजन क्या है? 2047 तक ये विजन कैसे सक्सेसफुल होगा?
मोदी: मेरे मन में बहुत बड़े-बड़े प्लान होते हैं। उसके लिए बड़े-बड़े फैसले हैं। किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। मेरे निर्णय किसी को डराने, दबाने के लिए नहीं हैं। मेरे निर्णय देश के सर्वांगीण विकास, जनकल्याण के लिए हैं। मैं देश बिगाड़ना और समय बर्बाद नहीं करना चाहता।

ज्यादातर सरकारों का मिजाज होता है कि हमने तो सब कुछ कर लिया। मैं नहीं मानता कि उन्होंने सबकुछ कर लिया। मैंने ज्यादा से ज्यादा करने और सही दिशा में जाने का प्रयास किया है। फिर भी बहुत कुछ है, जो मुझे करना है। मोदी का विजन मेरी बपौती नहीं है, इसमें 15-20 लाख लोगों के विचारों को समाहित किया गया है।

सवाल: आपकी एक टर्म मोदी की गारंटी काफी लोकप्रिय हो रही है। लोग कह रहे हैं कि उम्मीदवार जरूरी नहीं है, वोट तो सिर्फ मोदी को जा रहा है। इलेक्शन के दौरान ये टर्मिनोलॉजी इम्पॉर्टेंट होती है।
मोदी: चुनाव में उम्मीदवार ही नहीं, हर मतदाता इम्पॉर्टेंट होता है। बूथ लेवल का कार्यकर्ता भी जरूरी होता है। कैंडिडेट भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। ये कह देना कि किसी का कोई महत्व नहीं, ये गलत है। नहीं तो इतना बड़ा चुनाव ही नहीं होता। जहां तक गारंटी का सवाल है, शब्दों के प्रति जो कमिटमेंट होना चाहिए, वो तो चलती का गाड़ी, कुछ भी बोल दो जैसा हो गया है।

एक नेताजी के वीडियो इन दिनों में बाजार में घूम रहे हैं, उनका एक विचार, दूसरे से विरोधाभासी है। लोग देखकर कहते हैं कि ये आदमी हमें इतना मूर्ख बनाता था, आंख में धूल झोकता था। अभी एक नेता ने कहा कि मैं एक झटके में गरीबी हटा दूंगा। अब जिनको 5-6 दशक शासन करने को मिला, वे जब कहेंगे कि एक झटके में गरीबी हटा देंगे तो देश सोचता है कि क्या बोल रहे हैं। पॉलिटिकल लीडरशिप पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।

सवाल: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक रंग नहीं चढ़ना चाहिए था, लेकिन हो गया। चुनाव में बीजेपी और विपक्ष इसको लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस बीजेपी को पापी बताती है। बीजेपी कहती है कि वे न्योता देने के बावजूद नहीं आए, वे पापी हैं। इसे कैसे देखते हैं?
मोदी: इसका राजनीतिकरण किसने किया। जब हमारी पार्टी पैदा भी नहीं हुई थी, उस समय अदालत में ये मामला निपटाया जा सकता था। विभाजन के समय तय कर सकते थे कि इतनी चीजें हैं, तय कर लो, जो नहीं किया गया। ये वोट बैंक का हथियार था, इसलिए इसे पकड़कर रखा गया और बार-बार भड़काया गया। मामला जब कोर्ट में था, तब भी जजमेंट न आए, ये भी कोशिश चल रही थी।

सब न्यायिक प्रक्रिया से होना था, लेकिन इसमें भी अड़ंगा लगाया गया। बोल रहे थे कि राम मंदिर बन रहा है, तुम्हें मार देंगे। अब राम मंदिर बन गया, उनके हाथ से मुद्दा ही चला गया। अब वे (विपक्ष) किसी को डरा नहीं पा रहे कि राम मंदिर आ जाएगा, क्योंकि मंदिर तो आ गया। कोई आग नहीं लगी।

सवाल: पहले कहा जाता था कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा। अब कहा जाता है कि मोदी इज भारत, भारत इज मोदी। क्या आप उस लेवल पर पहुंच गए हैं?
मोदी: मैं मां भारती की संतान हूं। उससे ज्यादा न लोग मेरे लिए बोलते हैं और न मेरे लिए सोचते हैं। मां की सेवा कर रहा हूं, इतना ही बहुत है।

सवाल: डीएमके ने सनातन के विरोध में काफी बयान दिए हैं? दशकों से उनका एंटी-सनातन एजेंडा रहा है। इस पर क्या कहेंगे।
मोदी: सवाल हमें कांग्रेस से पूछना चाहिए। वो कांग्रेस, जिसके साथ महात्मा गांधी का नाम जुड़ा था। इंदिरा गांधी रुद्राक्ष की माला खुलेआम पहनकर घूमती थीं।आखिर कांग्रेस की कौन सी मजबूरी है कि सनातन के खिलाफ इतना जहर उगलने वाले लोगों के साथ खड़ी है। ऐसा नहीं करेंगे तो क्या तुम्हारी राजनीति अधूरी रह जाएगी। डीएमके तो शायद इस नफरत में ही पैदा हुई होगी। अब लोग भी उनके नफरत के खेल को अस्वीकार करने लगे हैं। क्या कांग्रेस ने अपना मूल कैरेक्टर गंवा दिया है?

सवाल: मैं कन्विंस्ड हूं कि भ्रष्टाचार ने देश को तबाह किया। ट्रांसपेरेंसी की बात होती है तो विपक्ष कहता है कि ईडी, सीबीआई, आईटी, इलेक्शन कमीशन पर बीजेपी हावी है। वे कहते हैं कि चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता। ये भी कहते हैं या तो विपक्षी नेताओं को जेल में डाल रहे हैं या फिर आपकी पार्टी में आकर वे साफ हो जाते हैं।
मोदी: इसमें एक भी कानून मेरी सरकार ने नहीं बनाया। चाहे ईडी, सीबीआई, ईसी (चुनाव आयोग) हो। हमने तो इलेक्शन कमीशन में सुधार किए। आज इलेक्शन कमिश्नरों की नियुक्ति वाले पैनल में अपोजिशन का व्यक्ति भी होता है। पहले तो प्रधानमंत्री एक फाइल पर साइन करके उन्हें बना देता था। पहले तो लोग इलेक्शन कमिश्नर के बाद राज्यसभा मेंबर बने, मंत्री बने।

कहावत है- नाच न जाने, आंगन टेढ़ा। कभी ये लोग ईवीएम का बहाना निकालेंगे तो कभी कुछ और। हार के लिए ये लोग अभी से कारण तैयार कर रहे हैं। ये देखने वाली बात है कि अपोजिशन के कितने नेता जेल में हैं? क्या यही अपोजिशन लीडर उनकी सरकार चलाते थे। डर तो पाप का होता है, ईमानदार को कहां डर होता है। उन्होंने भी मेरे होम मिनिस्टर (गुजरात में) को जेल में डाल दिया था।

ईडी ने जितने केस किए हैं, उनमें सिर्फ 3% राजनीतिक लोग शामिल हैं। 97% लोगों में ईडी ने ड्रग माफिया, करप्ट अफसर पर केस किया है। ईडी एक स्वतंत्र संस्था है।

2014 से पहले ईडी ने 5 हजार करोड़ की संपत्ति अटैच की थी। मेरे कालखंड में एक लाख करोड़ की संपत्ति अटैच हुई है। 2014 से पहले ईडी ने 34 लाख रुपए कैश जब्त किया था, इतना तो स्कूल बैग में आ सकता है। पिछले 10 साल में हमने 2200 करोड़ कैश जब्त किया है। इसको रखने में 70 ट्रक लगेंगे।

सवाल: आपने रूस-यूक्रेन में दुश्मनी रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था?
मोदी: दोनों राष्ट्रपति के साथ मेरे मित्रतापूर्ण संबंध रहे हैं। मैंने कहा कि भारत के इतने लोग, नौजवान फंसे हुए हैं। मुझे आपकी मदद चाहिए।

सवाल: एलन मस्क भारत आने वाले हैं, उन्होंने कहा था कि वे आपके प्रशंसक हैं। क्या हम भारत में स्टारलिंक, टेस्ला देखेंगे?
मोदी: मस्क मोदी के प्रशंसक हैं, वो अपनी जगह है। असल में वे भारत के प्रशंसक हैं।

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