किसान आंदोलन के कारण प्रभावित 1112 ट्रेनें, करोड़ों का नुकसान

किसान आंदोलन के कारण रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। 17 अप्रैल से किसान आंदोलन के कारण लगभग 1112 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। वहीं 552 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।

इसमें 247 के करीब मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें हैं और 305 के करीब पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। जबकि 560 ट्रेनों को बदले मार्ग से संचालित किया गया है। रेलवे अधिकारी ने बताया कि किसान आंदोलन के कारण रेलवे को काफी नुकसान हुआ है जोकि करोड़ों रुपये में हो सकता है। इसका सही आंकलन मुख्यालय स्तर पर किया जाएगा। अभी किसान आंदोलन के दौरान ट्रेनों के संचालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लंबी दूरी की ट्रेनों का ही संचालन किया जा रहा है जबकि दैनिक ट्रेनों को अभी रद्द किया हुआ है ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों को जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। वहीं बुधवार को भी 139 ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। इस दौरान 65 ट्रेनों को रद्द रखा गया। जबकि 64 ट्रेनों को बदले मार्ग से और पांच को बीच रास्ते रद्द करके पुन: संचालित किया गया।

103 मालगाड़ियां प्रभावित
किसान आंदोलन के कारण जहां मेल व एक्सप्रेस सहित दैनिक ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। वहीं मालगाड़ियों के संचालन पर भी असर पड़ा है। इसमें 103 मालगाड़ियां शामिल हैं जोकि धीरे-धीरे व्यस्त रेल मार्गों से गंतव्य तक पहुंच रही हैं। इसमें रेल फ्रेट कॉरिडोर खंड की भी मदद ली जा रही है ताकि देश के अन्य हिस्सों में जरूरी सामान की कमी न हो।

सिंगल मार्ग पर विशेष चौकसी
अंबाला मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक ने बताया कि दिल्ली और फिरोजपुर मंडल के साथ मिलकर ट्रेनों के संचालन को लेकर योजना तैयार की गई है। इसमें धूरी-जाखल और चंडीगढ़-साहनेवाल विशेष रेल मार्ग हैं। इन्ही मार्गाें से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। हालांकि उक्त दोनों रेल खंड सिंगल ट्रैक हैं तो सुरक्षा को देखते हुए अप और डाउन लाइन पर आने वाली ट्रेनों को भी इसी मार्ग के जरिए निकाला जा रहा है। इस कारण ट्रेनें घंटों की देरी से गंतव्य तक पहुंच रही हैं। धूरी-जाखल रेल खंड पर चलने वाली ट्रेनों तीन से चार घंटे की देरी से और चंडीगढ़-साहनेवाल रेल खड़ पर चलने वाली ट्रेनें डेढ़ से दो घंटे की देरी से गंतव्य स्टेशन तक पहुंच रही हैं।

अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती
रेलवे में कर्मचारियों की कमी नहीं है। निर्धारित समय पर ट्रेनों का संचालन हो रहा है। सुरक्षा को लेकर और यात्रियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वहींं रेल मार्गाें की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ भी पूरी तरह से चौकसी बरत रही है।

किसान आंदोलन के कारण पिछले आठ दिनों में 1100 के करीब ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुए हैं। इस दौरान लगभग 550 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। इसमें मेल व एक्सप्रेस सहित पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। वहीं 560 लंबी दूरी की ट्रेनों को बदले मार्ग से संचालित किया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इसके नुकसान का आंकलन काफी है जोकि मुख्यालय स्तर पर किया जाएगा क्योंकि ऑनलाइन रिफंड काफी अधिक है। -नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here