कोरोना महामारी के दौरान पंजाब में हो चुके हैं। यही नहीं बीते नौ साल में सिर्फ 4002 नए उद्योग लग सके हैं। ऑल इंडस्ट्री एंड ट्रेड फोरम ने बिजली बोर्ड के आंकड़ों को खंगालकर यह रिपोर्ट तैयार की है। फोरम के राष्ट्रीय प्रधान बदीश जिंदल ने यह आंकड़े सोमवार जारी किए हैं। इसमें पंजाब के उद्योगों की स्थिति का पूरा खुलासा किया गया है। उनका साफ कहना है कि सरकार एक लाख करोड़ निवेश के दावे कर रही है लेकिन पंजाब की असली तस्वीर यही है कि उद्योग बंद होते जा रहे है।
उद्योग चलाने के लिए बिजली 10 रुपये यूनिट मिल रही है। बदीश जिदंल बताते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान पंजाब में 14249 उद्योग बंद हुए है। पंजाब स्टेट पॉवर कारपोरेशन के आकंड़ों के अनुसार साल 2019-20 के बीच में 10617 स्माल कनेक्शन, 3210 मीडियम कनेक्शन और 422 बड़े कनेक्शन कम हुए हैं।
सिर्फ कनेक्शन नहीं बल्कि उद्योगों में लोड को कम किया गया है। स्माल कनेक्शन जो 20 किलोवॉट तक होते है। पंजाब में 1099243 वॉट से कम होकर 1055227 किलोवाट रह गया है। मीडियम कनेक्शन जो 20 किलोवाट से लेकर 100 किलोवाट में होते है। इनका लोड 2029163 से कम होकर 1608963 रह गया है। इसी क्रम में बड़े कनेक्शन का लोड 6752580 किलोवाट से कम होकर 5874316 किलोवाट रह गया है।
नौ साल में सिर्फ 4002 नए उद्योग लगे
ऑल इंडस्ट्री एंड ट्रेड फोरम के अनुसार वर्ष 2012 से लेकर 2021 तक पंजाब में सिर्फ 4002 नए उद्योग लग पाए है। इस अवधि के दौरान पंजाब में 27.57 लाख आबादी बढ़ चुकी है। इन सालों के दौरान औद्योगिक कनेक्शन की संख्या 123310 से बढ़कर 127312 हो चुकी है।
इन नौ साल के दौरान घरेलू कनेक्शन की संख्या 1477113 बढ़ चुकी है। कॉमर्शियल कनेक्शन में 192437, कृषि कनेक्शन में 231975 की वृद्धि दर्ज की गई है। बीते नौ साल में स्माल कनेक्शन 90372 से बढ़कर 91546 हो चुके हैं। मीडियम कनेक्शन 26361 से बढ़कर 29069 और बड़े कनेक्शन 6577 से 6697 हुए है। पंजाब में कुल 4002 नए उद्योग कनेक्शन बढ़े है।