बहिबल कलां गोलीकांड में फंसे पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने अपने खिलाफ दाखिल चार्जशीट और बाजाखाना मामले में निलंबित आईजी परमराज उमरानंगल ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर में आगे कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग पर लंबित याचिका पर जल्द सुनवाई करने की मांग को लेकर दायर अर्जी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि इन दोनों मामलों की सुनवाई तीन दिसंबर को है। अभी इन दोनों मामलों में जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है। अगर इस दौरान जरूरत हो तो अर्जी को दोबारा दायर किया जा सकता है। इसके बाद दोनों अर्जियां वापस ले ली गईं और हाईकोर्ट ने दोनों अर्जियों को खारिज करते हुए मुख्य याचिका पर तीन दिसंबर को सुनवाई का आदेश दे दिया।
उमरानंगल ने अर्जी में कहा है कि बहिबल कलां गोलीकांड मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट और एसआईटी को हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। बाजाखाना मामले की जांच भी यही एसआईटी कर रही थी। ऐसे में इस मामले में की जा रही कार्रवाई पर भी रोक लगाई जाए और मामले की जल्द सुनवाई की जाए। सैनी ने भी अपने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी।
सैनी के केस की अब संतपाल सिद्धू ने शुरू की पैरवी
पूर्व डीजीपी सैनी के इस केस की अब तक सीनियर एडवोकेट एपीएस देओल पैरवी कर रहे थे। पंजाब सरकार ने एपीएस देओल को पंजाब का एडवोकेट जनरल नियुक्त कर दिया है, जिस पर काफी विवाद भी हुआ था। ऐसे में अब देओल अपनी ही सरकार के खिलाफ सैनी की इस याचिका में पेश नहीं हो सकते।
लिहाजा अब सैनी ने अपना केस एडवोकेट संतपाल सिद्धू को दे दिया है। लिहाजा सोमवार को सैनी की ओर से संतपाल सिद्धू सुनवाई में पेश हुए। वहीं पंजाब सरकार की ओर सीनियर एडवोकेट आरएस बैंस पेश हुए, क्योंकि अब बेअदबी मामलों के केसों की पैरवी करने के लिए सरकार ने बैंस को स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर नियुक्त कर दिया है।