कारोबारी सुगमता के लिए समाप्त किए जाएंगे 36 कानून, योगी कैबिनेट का फैसला

उपभोक्ताओं और व्यापारियों पर विनियामक अनुपालन भार कम करने और व्यापार की सुगमता के लिए 36 राज्य अधिनियम, 5 मूल अधिनियम और 31 संशोधन अधिनियम को समाप्त किया जाएगा। योगी कैबिनेट की सोमवार को आयोजित बैठक में उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2022 को  विधानमंडल में पेश करने की मंजूरी दी गई। सातवें उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग की ओर से अप्रचलित एवं अनुपयोगी हो चुकी विधियों को समाप्त करने की संस्तुति की गई है। साथ ही नागरिकों एवं व्यवसाय पर विनियामक अनुपालन भार को कम करने एवं व्यापार में सुगमता के लिए पुराने अधिनियमों को निरस्त करने की संस्तुति की गई है। प्रदेश सरकार विधानमंडल के सत्र में इसके लिए विधेयक लेकर आएगी।  उल्लेखनीय है कि 2017 से अब तक 813 चिन्हित अधिनियमों को विधायी प्रक्रिया के अनुसार निरस्त किया जा चुका है।

मथुरा के नंदगांव में बनेगा यात्री सुविधा केंद्र
मथुरा के नंदगांव में यात्री सुविधा केंद्र (टीएफसी) बनेगा। सोमवार को कैबिनेट बैठक में इसके लिए पर्यटन विभाग को निशुल्क जमीन हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इस मामले में आवश्यकतानुसार अन्य निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया है।

विधान मंडल में पेश किया जाएगा उप्र. अग्निशमन तथा आपात सेवा विधेयक
उप्र. अग्निशमन तथा आपात सेवा अध्यादेश 2022 को मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों से पास कराने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इससे संबंधित प्रस्ताव को सोमवार को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई। दोनों सदनों में पास होने के बाद यह विधेयक अधिनियम बन जाएगा। इससे आपात स्थित में फायर फाइटिंग की टीम एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तरह काम कर सकेगी। इसके लिए फायर सर्विसेज के कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा अधिकारी की तैनाती भी जरूरी होगी। साथ ही अग्नि सुरक्षा का पालन न करने वाले भवन को नोटिस के बाद अग्निशमन विभाग सील कर सकेगा और अग्नि सुरक्षा के दौरान बाधा उत्पन्न करने वालों को गिरफ्तार भी कर सकेगा। कई अन्य अधिकार मिल जाएंगे।

पीपीपी मॉडल पर आईटीआई व पॉलीटेक्निक संस्थानों के संचालन को हरी झंडी
कैबिनेट ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर तीन राजकीय पॉलीटेक्निक व चार राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के संचालन संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इस तरह अब पहले चरण में कुल 31 संस्थानों को पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जाएगा। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इससे राज्य व केंद्र सरकार पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।

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