बंगाल फायरिंग में 4 की मौत,EC बोला-CISF ने डिफेंस में गोली चलाई

पश्चिम बंगाल में कूचबिहार जिले के सीतलकूची में सीआईएसएफ की फायरिंग को चुनाव आयोग ने जायज करार दिया है. चुनाव आयोग ने कहा कि सीआईएसफ ने सेल्फ डिफेंस में गोलियां चलाई. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई है. चुनाव आयोग ने 72 घंटे तक घटना से संबंधित जिले में राष्ट्रीय या राज्य की पार्टी के किसी भी नेता को प्रवेश की इजाजत नहीं दी है. चुनाव आयोग का कहना है नेताओं के आने-जाने से माहौल बिगड़ सकता है.

पश्चिम बंगाल चुनाव आयुक्त ने चुनाव आयोग को पेश की गई रिपोर्ट में बताया कि आज सुबह लगभग 9 बजकर 45 मिनट तक बूथ नंबर पर मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही थी. माथाभांगा PS, माथाभांगा-I ब्लॉक के तहत 5-सीतलकुची एसी में से मतदान बूथ 126 के पास एक युवा लड़का माणिक एमडी बीमार था. करीब 9 बजकर 45 मिनट पर 2-3 स्थानीय महिलाएं उसकी देखभाल कर रही थीं. जिला पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक CISF के सुरक्षाकर्मी, 567 C ‘Coy में मौजूद थे और लड़के के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ कर रहे थे. उन्होंने स्थानीय लोगों से पूछा कि क्या वो स्थानीय पुलिस के सेक्टर मोबाइल वाहन में लड़के को अस्पताल भेजना चाहेंगे, जो पास में मौजूद था.

इस दौरान कुछ अन्य स्थानीय लोगों ने सोचा कि लड़के को पीटा गया. कुछ लोगों की ऐसी गलतफहमी के परिणामस्वरूप वहां मौजूद लोगों ने हंगामा किया और लगभग 300-350 ग्रामीणों को इकट्ठा कर लिया. तमाम लोग आ गए, जिसमें घरेलू उपकरणों के साथ कुछ महिलाएं भी शामिल थीं, जो किसी को बेरहमी से चोट पहुंचा सकती थी. उत्तेजित भीड़ ने CISF कर्मियों पर हमला किया और उन घातक उपकरणों के साथ बूथ और उनमें से कुछ ने हथियार और गोला बारूद भी छीनने की कोशिश की.

उन्होंने मतदान कार्मियों पर भी हमला करने की कोशिश की. इस दौरान CISF कर्मी और होमगार्ड, जो ड्यूटी पर मौजूद थे उन्हें चोटें आईं और पास खड़े क्यूआरटी वाहन से उनकी मदद का प्रयास किया गया, लेकिन अनियंत्रित भीड़ द्वारा क्यूआरटी वाहन पर भी हमला किया गया और वो क्षतिग्रस्त हो गया. हमला होने पर CISF के जवानों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलीबारी की और बिना किसी को चोट पहुंचाए स्थिति को नियंत्रण मे रखने का प्रयास किया. उनके पास जान बचाने के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं था, लेकिन लोग काबू में नहीं आए, जिसके बाद ईवीएम, चुनाव कर्मियों और अन्य मतदान सामग्री जैसी संपत्ति को बचाने के लिए सीआईएसएफ को सीधे गोली चलानी पड़ी, क्योंकि उपद्रवी हर चीज को आग के हवाले कर रहे थे.

गोली लगने से 4 की मौत, 4 घायल

गोली लगने से घायल हुए चार लोगों ने स्थानीय माथाभांगा सब-डिवीजनल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि चार लोगों की मौत हो गई. हालंकि गोली चलने से भीड़ तुरंत तितर-बितर हो गई. मतदान सामग्री के साथ सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. साथ ही शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया. मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई है और जांच की जा रही है. स्थिति नियंत्रण और निगरानी में है. केंद्रीय बलों के साथ पुलिस को तैनात किया गया है.

चुनाव आयोग के मुताबिक दोनों विशेष पर्यवेक्षक की तरफ से दी गई संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक सीआईएसफ ने लोगों की जान और पोलिंग बूथ को बचाने के लिए गोलियां चलाई. बूथ पर कर्मचारियों को उत्तेजित भीड़ से बचाया, जो हथियारों से लैस थी. एसपी कूचबिहार देबाशीष धर के बयान के मुताबिक सीआईएसफ की ओर से सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई गई. चुनाव आयोग के संज्ञान में आया है कि इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई और इसके बाद इस क्षेत्र में कुछ नेताओं ने भी दौरा किया.

किसी भी नेता को 72 घंटे तक प्रवेश नहीं

चुनाव आयोग का निर्देश है कि जिले में राष्ट्रीय या राज्य के किसी भी नेता को 72 घंटे तक प्रवेश नहीं दिया जाएगा. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी केंद्रीय और राज्य की पुलिस को लगाकर शक्ति से कानून व्यवस्था का पालन कराएं. विशेष जनरल ऑब्जर्वर अजय नायक और विशेष पुलिस ऑब्जर्वर विवेक दुबे और मुख्य चुनाव अधिकारी पश्चिम बंगाल इस जिले में होने वाली गतिविधि के संबंध में अगले 72 घंटों में आयोग को रिपोर्ट पेश करेंगे. आयोग का आदेश है कि पांचवें चरण में अगले 72 घंटों तक साइलेंस पीरियड लागू रहेगा और किसी भी तरह के चुनाव प्रचार को इजाजत नहीं दी जाएगी.

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