वाराणसी में एक पिता के 48 बच्चे, मतदाता सूची को देख लोगों ने पीट लिया सिर

वाराणसी में एक पिता के 48 बच्चे…समझ नहीं आया ना? यह हैरतअंगेज मामला सामने आया गुरुवार को यूपी नगर निकाय चुनाव के मतदान के दौरान। वाराणसी में वार्ड नंबर 51 (भेलूपुर) की मतदाता सूची में बड़ी गलती सामने आई है। सूची के मुताबिक, 48 लोगों के पिता का नाम एक ही है। मतदाता और उनका उम्र अलग-अलग लेकिन सभी के पिता का नाम राजकमल दास ही लिखा है। इस मतदाता सूची को देख लोगों ने अपनी सिर पीट लिया। 

इसके अलावा भी मतदाता सूची को लेकर चौतरफा शिकायतें आईं हैं। मतदाता सूची से नाम गायब होने का मामला सबसे ज्यादा सामने आया है। वाराणसी जिले के करीब हर वार्ड में मतदाता सूची से लोगों का नाम गायब था। इससे लोग नाराज भी दिखे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सदस्य ज्योतिषाचार्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय का नाम मतदाता सूची का नाम नहीं है।

पहली बार ऐसा हुआ

उन्होंने कहा कि इतने वर्षों से मैं वोट डाल रहा हूं। पहली बार ऐसा हुआ कि निकाय चुनाव की मतदाता सूची से नाम गायब है। कबोबेश यही स्थित शहर के अन्य बूथों पर भी दिखी। कई मतदाताओं के नाम सूची से गायब रहे। इसके अलावा कुछ मृत लोगों के नाम शामिल रहे जबकि घर के बालिगों का नाम सूची से गायब रहा।

हबीबपुरा के राजेश कुमार का कहना है कि इनका नाम मतदाता सूची में है। जबकि भाई, पत्नी और बहन का नाम मतदाता सूची से गायब रहा। प्रदीप गुप्ता केअनुसार इनका और पत्नी का नाम मतदाता सूची में था जबकि बेटे बेटियों का नाम गायब रहा। हबीबपुरा के सुनील गुप्ता की मृत पत्नी और मृत माता का नाम था। जबकि, परिवार के जीवित बालिग व्यक्तियों का नाम सूची से गायब रहा।सुंदरपुर में शिवनाथ के अनुसार उनके घर में 12 मतदाता हैं। लेकिन केवल इस बार उनका नाम मतदाता सूची में है जबकि पत्नी, बेटे, बहू का नाम मतदाता सूची से गायब है। उनके पास एक ऑनलाइन पर्ची थी लेकिन मतदाता सूची में नाम नहीं था। सुंदरपुर केवंशुलाल केअनुसार इनका नाम आनलाइन पर्ची में था लेकिन सूची में नहीं था। इनके परिवार के सदस्यों का नाम नहीं रहा।महेशपुर कॉलोनी के200 से अधिक लोगों की मतदाता सूची में नाम के आगे लाल पेन चलाया गया था। जिसके चलते वे वोट नहीं डाल पाए। लहरतारा में रविप्रकाश, हेमंत, अनुज, ककरहिया की रीता, गणेश का नाम मतदाता सूची से गायब रहा। चुनाव कार्यालय के अनुसार दरअसल वार्डों की संख्या बढ़ी और परिसीमन भी बढ़ा।

इस कारण हुई गड़बड़ी

मौजूदा सूची 2017 के निकाय चुनाव और 2015 के पंचायत चुनाव को मिलाकर बनाई गई है। इस नाते यह दिक्कत आई है। लोगों को नामांकन के अंतिम दिन तक नाम बढ़वाने का मौका दिया गया था। मतदाता सूची में नाम देखने के लिए सूची जोनल कार्यालयों पर उपलब्ध कराई गई थी।

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