केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए गर्भवती महिला और दिव्यांग कर्मचारियों को कार्यालय आने से छूट दी गई है। हालांकि, उन्हें फोन पर उपलब्ध रहने और घर से काम करने की जरूरत होगी।
कर्मियों की उपस्थिति वास्तविक संख्या के 50 फीसदी तक सीमित
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारियों को भी उस समय तक कार्यालय आने से छूट रहेगी जब तक उनके क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र से बाहर नहीं किया जाता। अपर सचिव पद के स्तर से नीचे के सरकारी कर्मियों की उपस्थिति वास्तविक संख्या के 50 फीसदी तक सीमित कर दी गई है और बाकी 50 फीसदी घर से काम करेंगे।
बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही की जाएं
सभी संबंधित विभागों में इसके अनुरूप कार्यसूची तैयार की जाएगी। जो अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय नहीं आ रहे हैं और घर से काम कर रहे हैं, वे हर समय टेलीफोन और संचार के अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के जरिये उपलब्ध रहेंगे। कहा कि यथासंभव आधिकारिक बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही की जाएं। जब तक बहुत जरूरी न हो, आगंतुकों के साथ व्यक्तिगत बैठकों से बचना चाहिए।
डीओपीटी के दिशा-निर्देश 31 जनवरी तक प्रभावी
उन्होंने कहा कि कार्यालय परिसर में अधिक भीड़ से बचने के लिए अधिकारी-कर्मचारी अलग-अलग समय का पालन करेंगे। डीओपीटी के दिशा-निर्देश 31 जनवरी तक प्रभावी रहेंगे। हालांकि, इस दौरान समय-समय पर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी और स्थिति को देखते हुए इसके अनुरूप दिशा-निर्देशों को संशोधित किया जा सकता है।