झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) को राज्य में भाजपा के पांच पूर्व मंत्रियों की कथित आय से अधिक संपत्ति की प्राथमिक जांच को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि एसीबी ने शुरुआती जांच में आरोप की पुष्टि के बाद पांच पूर्व मंत्रियों में प्रत्येक के खिलाफ अलग प्रारंभिक जांच की मांग की थी।
जिन पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ प्रारंभिक जांच को मंजूरी दी गई है, उनमें अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, डॉ. नीरा यादव, लुइस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा शामिल हैं। ये सभी पिछले रघुवर दास सरकार के मंत्रिमंडल का हिस्सा थे। इनमें चार वर्तमान में भाजपा के विधायक हैं।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग के निर्देश पर एसीबी ने एक सूचनात्मक रिपोर्ट दर्ज की थी। प्रारंभिक जांच करने के बाद एसीबी ने पांचों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अलग-अलग प्रारंभिक जांच दर्ज करने के कि लिए विभाग से अनुमति मांगी थी। एसीबी रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री से अनुमति मांगी गई थी।
साल 2020 में पंकज कुमार यादव ने झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल की थी। इसी पीआईएल के आलोक में झारखंड सरकार ने 31 मई को पांच पूर्व मंत्रियों की कथित आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए एसीबी को जांच का आदेश दिया था।
मुख्यमंत्री की ओर से एसीबी को यह मंजूरी ऐशे समय में दी गई है, जब सोरेन को कथित अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 17 नवंबर पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रांची कार्यालय पहुंचने को कहा गया है। सोरेन ईडी के नए सम्मन का सामना कर रहे हैं।