पूर्व शराब व्यवसायी विजय माल्या ने एक पॉडकास्ट के दौरान किंगफिशर एयरलाइंस की नाकामी पर सार्वजनिक रूप से खेद जताया है। उन्होंने इस विफलता के लिए माफी मांगते हुए साफ किया कि उनका किसी भी तरह की आपराधिक मंशा से कोई लेना-देना नहीं रहा है।
पॉडकास्ट में माल्या ने स्पष्ट किया कि अगर उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का भरोसा दिया जाता है, तो वह भारत लौटने पर विचार कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि मार्च 2016 में माल्या भारत छोड़कर ब्रिटेन चले गए थे और तब से वहीं रह रहे हैं। भारत सरकार लगातार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी है।
“भगोड़ा कह सकते हैं, लेकिन चोर नहीं”
विजय माल्या ने खुद पर लगे धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “आप मुझे भगोड़ा कह सकते हैं, लेकिन मैं भागा नहीं। मैं तय कार्यक्रम के तहत विदेश गया था और कुछ वैध कारणों से वापस नहीं लौटा।” उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भागना ही अपराध है तो “चोरी” का आरोप कहां से आता है?

9000 करोड़ रुपए के कर्ज का मामला
माल्या पर भारतीय बैंकों से किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिए गए 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज चुकाने में विफल रहने का आरोप है। वह वर्तमान में ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कानूनी अड़चनें
भारत सरकार ने 2017 में उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी। 2018 में लंदन की अदालत और 2019 में ब्रिटेन के गृह सचिव ने प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी। हालांकि, माल्या ने इस आदेश के खिलाफ अपील की, जिसके चलते यह मामला अब भी कानूनी पेचीदगियों में उलझा हुआ है।