लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य सरकार पर कई ज्वलंत मुद्दों को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी, कुंभ हादसे में हुई मौतें, और जनगणना प्रक्रिया को लेकर सरकार की नीतियों और मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।
महंगाई पर कसा तंज, बेटी की शादी तक मुश्किल
अखिलेश यादव ने कहा कि सोने के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे आम आदमी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस देश में सरकार ‘विकसित भारत’ का सपना दिखा रही है, वहां गरीब परिवार अपनी बेटियों की शादी तक नहीं कर पा रहे। उन्होंने इसे सरकार की नाकामी करार दिया।
कुंभ हादसे में मौतों के आंकड़े छिपा रही सरकार
सपा मुखिया ने आरोप लगाया कि कुंभ में भगदड़ के दौरान 82 लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार अब तक सही आंकड़े सामने नहीं ला रही। उन्होंने कहा, “सरकार पवित्र आयोजन तक में सच छिपा रही है। मृतकों के परिवारों को चुप कराने के लिए नकद पैसा दिया गया। सवाल है कि यह नकद राशि किसके निर्देश पर दी गई?”
जनगणना और बेरोजगारी को लेकर भी जताई चिंता
अखिलेश यादव ने कहा कि आगामी जनगणना को लेकर भी सतर्क रहना होगा। उनका आरोप है कि बीजेपी की सरकार समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और लखनऊ की नीतियों के चलते देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। साथ ही यह भी कहा कि सरकार धार्मिक और पारंपरिक मेलों को बंद करवा रही है, जिससे स्थानीय कारोबार और सामाजिक मेलजोल प्रभावित हो रहा है।
डिप्टी सीएम पर भड़क उठे अखिलेश
कौशांबी की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने राज्य के दोनों डिप्टी सीएम पर निशाना साधा और कहा कि वे जनता को आपस में लड़ाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि, “प्रदेश में हर महीने एक पानी की टंकी गिर रही है, पीडीए के अधिकार छीने जा रहे हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ लोग जमीनों की दलाली में लगे हैं।”
उत्तराखंड में बरामद नकदी पर भी उठाया सवाल
सपा अध्यक्ष ने उत्तराखंड में पकड़ी गई बड़ी मात्रा में नकदी का जिक्र करते हुए पूछा कि यह पैसा किसका है। उन्होंने कहा कि, “जब बड़े नेता दौरे पर आते हैं, तो फरार अफसरों और गायब हुए खजाने का भी कुछ अता-पता चल जाना चाहिए। अगर ऐसा होता तो उत्तर प्रदेश को स्थायी डीजीपी मिल पाता और राज्य को लाभ होता।”