अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग में मंगलवार को एक असामान्य मामला सामने आया, जब महज दो वर्षीय एक बच्ची ने खेलते समय चांदी की पायल निगल ली। बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन घबरा गए और तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे।
एक्स-रे में पेट में फंसी पायल का पता चला
अस्पताल में डॉक्टरों ने तत्काल जांच कराई और एक्स-रे में पायल पेट में फंसी हुई दिखाई दी। स्थिति को गंभीर मानते हुए बच्ची को तुरंत एंडोस्कोपी थियेटर में ले जाया गया। यह जटिल प्रक्रिया विभागाध्यक्ष डॉ. एम. पी. शर्मा के मार्गदर्शन में डॉ. राजमणि, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. संजय, और नर्सिंग स्टाफ कैलाश व आरती की टीम द्वारा सफलतापूर्वक पूरी की गई।
सावधानीपूर्वक एंडोस्कोपी से निकाली गई पायल
चिकित्सकों ने अत्यंत सतर्कता के साथ एंडोस्कोपी कर पायल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। ऑपरेशन के बाद बच्ची की हालत सामान्य बताई गई और परिजनों ने राहत की सांस ली। डॉक्टरों ने इसे संवेदनशील व चुनौतीपूर्ण मामला बताया, जिसमें समय पर लिया गया निर्णय और टीम का तालमेल निर्णायक रहा।
चिकित्सकों की अपील – बच्चों को रखें निगलने योग्य वस्तुओं से दूर
चिकित्सकों ने कहा कि छोटे बच्चों की देखरेख में थोड़ी सी भी लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है। अक्सर बच्चे खेल-खेल में धातु, प्लास्टिक या अन्य छोटी चीजें निगल लेते हैं, जो जान के लिए खतरा बन सकती हैं। ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। जेएलएन अस्पताल का गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग इस तरह की आपात परिस्थितियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
अभिभावकों से अपील
डॉक्टरों ने अभिभावकों से अपील की है कि वे छोटे बच्चों को ऐसी वस्तुओं से दूर रखें, जो वे मुंह में डाल सकते हैं और यदि किसी आपात स्थिति का सामना हो, तो देरी किए बिना डॉक्टर से संपर्क करें।