उदयपुर। राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने गुरुवार को औचक निरीक्षण करते हुए उमरड़ा स्थित पटेल फास्केम खाद फैक्ट्री पर छापा मारा, जिससे हड़कंप मच गया। मंत्री दोपहर में अचानक उदयपुर पहुंचे और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ सीधे फैक्ट्री पहुंच गए।
खाद की गुणवत्ता पर जताई सख्त आपत्ति
निरीक्षण के दौरान मंत्री मीणा ने फैक्ट्री में तैयार किए जा रहे ऑर्गेनिक खाद की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने खुद कई खाद के कट्टे खुलवाकर उसका परीक्षण किया और जहां गड़बड़ी की आशंका थी, वहां हाथ से खाद निकालकर उसकी गुणवत्ता का मूल्यांकन किया। मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि खाद में मिलावट होगी तो यह सीधे किसानों और देश की खाद्य सुरक्षा पर असर डालेगा।
मिलावटी खाद को लेकर सख्ती के संकेत
मंत्री मीणा ने जानकारी दी कि पूर्व में इस फैक्ट्री से मिलावटी खाद की शिकायतें मिली थीं और हाल ही में लिए गए सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि रेड के दौरान लिए गए आठ सैंपलों में भी गुणवत्ता मानकों की अनदेखी सामने आई है।
जांच के दायरे में अन्य खाद फैक्ट्रियां भी
निरीक्षण के बाद मंत्री रामा फास्फेट कंपनी भी पहुंचे, जहां उन्होंने खाद के और सैंपल लिए। उन्होंने कहा कि पूरे उदयपुर जिले की खाद फैक्ट्रियों की जांच कराई जाएगी और जहां भी मिलावट पाई जाएगी, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एक करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी वाले 30 हजार कट्टे अमानक
डॉ. मीणा ने बताया कि जिन खाद के कट्टों की जांच की जा रही है, वे एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) खाद के हैं, जिन पर भारत सरकार प्रति कट्टा 388 रुपये की सब्सिडी देती है। लेकिन इसके बावजूद यहां घटिया और मिलावटी खाद तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि करीब 30 हजार कट्टे अमानक पाए गए हैं, जिन पर सब्सिडी की राशि एक करोड़ रुपये से अधिक बैठती है।
फैक्ट्री संचालकों को दी चेतावनी
मंत्री ने स्पष्ट किया कि मिलावटी खाद तैयार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने फैक्ट्री संचालकों से अपील की कि वे किसानों की मेहनत और देश के अन्न उत्पादन के साथ खिलवाड़ न करें और गुणवत्तायुक्त खाद का निर्माण सुनिश्चित करें।