पंजाब में जेलों में फैले भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई, 25 अधिकारी निलंबित

पंजाब सरकार ने राज्य की जेलों में व्याप्त भ्रष्टाचार और नशा तस्करी पर लगाम कसने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने विभिन्न जेलों में तैनात 25 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबन किए गए अधिकारियों में तीन डिप्टी सुपरिटेंडेंट और दो असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट भी शामिल हैं।

जेलों में ड्रग्स के नेटवर्क और भ्रष्टाचार की सूचनाओं के बाद यह कदम उठाया गया। राज्य सरकार का उद्देश्य जेल प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना और व्यवस्था में जवाबदेही सुनिश्चित करना है।

जेल प्रशासन में सुधार की पहल

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, यह कार्रवाई सुधारात्मक उद्देश्य से की गई है ताकि जेलों में अनुशासन और जवाबदेही का माहौल स्थापित हो सके। सरकार का मानना है कि इससे जेलों की कार्यप्रणाली में सकारात्मक बदलाव आएंगे।

ड्रग्स के खिलाफ सरकार की लड़ाई तेज

राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ जंग को और प्रभावी बनाने के लिए हाल ही में अनन्या बिड़ला फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के तहत डेटा इंटेलिजेंस और तकनीकी सहायता इकाई की स्थापना की जाएगी, जो नशे के नेटवर्क की निगरानी और विश्लेषण में अहम भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पहल को नशे की रोकथाम और पुनर्वास के प्रयासों का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को नशे से दूर रखने और प्रभावितों के पुनर्वास हेतु पूरी गंभीरता से प्रयासरत है।

नशा मुक्त पंजाब की दिशा में मजबूत कदम

पंजाब सरकार द्वारा नशा मुक्ति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जन-जागरूकता अभियानों के साथ-साथ रिहैबिलिटेशन सेंटर्स की स्थापना की गई है। अब जेलों में व्याप्त अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई के जरिए सरकार नशे के खिलाफ अपने अभियान को और मजबूत बना रही है।

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