नई आपराधिक संहिताएं न्याय को बनाएंगी तेज और पारदर्शी: गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हाल ही में लागू की गई नई आपराधिक संहिताएं न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और गति लाने का कार्य करेंगी। उनका मानना है कि इन कानूनों की मदद से तीन वर्षों के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा और तकनीकी प्रगति के चलते अपराधी कानून से नहीं बच पाएंगे।

दिल्ली के भारत मंडपम में “न्याय प्रणाली में विश्वास का स्वर्णिम वर्ष” कार्यक्रम में बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, देश के नागरिकों के लिए बनाए गए हैं और ये औपनिवेशिक कानूनों की जगह लेकर न्याय प्रणाली को अधिक सरल और जनोन्मुखी बनाएंगे।

तीन महीनों में जांच, आरोप पत्र और निर्णय का प्रावधान

अमित शाह ने बताया कि नए कानूनों में जांच, चार्जशीट और न्यायिक निर्णय के लिए 90 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है, जिससे “एफआईआर से न्याय” तक की प्रक्रिया तेज होगी। उन्होंने भारत मंडपम के हॉल 14 में स्थापित एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया, जो इन नए प्रावधानों को आम नागरिकों तक पहुंचाने का माध्यम बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर ऐसी प्रदर्शनी देशभर में आयोजित की जाएगी।

दिल्ली में सबसे पहले लागू हुए नए कानून

गृह मंत्री ने बताया कि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों के लिए नए कानूनों में विशेष प्रावधान जोड़े गए हैं और संगठित अपराध एवं आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया गया है। इस दिशा में देशभर में 14.80 लाख पुलिसकर्मियों, 42 हजार जेलकर्मियों और 19 हजार न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली ने इन संहिताओं को सबसे तेजी से लागू किया है। कानूनों को तैयार करने में 160 बैठकों और 89 देशों की न्याय प्रणालियों के अध्ययन को आधार बनाया गया।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया ऐतिहासिक सुधार

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इन कानूनों को न्यायिक इतिहास का एक क्रांतिकारी मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि इन नए प्रावधानों ने न्याय को अधिक त्वरित, पारदर्शी और सुलभ बनाया है। उनका मानना है कि इन कानूनों की दृष्टि दंड नहीं, बल्कि न्याय सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने व्यापार और प्रशासन में आई सरलता का भी उल्लेख किया और बताया कि दिल्ली में अब व्यापारिक लाइसेंस की प्रक्रिया में पुलिस की भूमिका समाप्त कर स्थानीय निकायों को जिम्मेदारी दी गई है।

उन्होंने राजद्रोह जैसे औपनिवेशिक कानूनों को हटाए जाने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के विरुद्ध सख्ती का भी समर्थन किया।

प्रदर्शनी 6 जुलाई तक खुलेगी

भारत मंडपम में चल रही यह प्रदर्शनी 6 जुलाई तक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी। इसमें दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम, संसद मार्ग थाना, मोबाइल फोरेंसिक वैन, तिहाड़ जेल, फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय सहित कई विभागों की प्रस्तुतियाँ शामिल हैं। प्रदर्शनी में तिहाड़ जेल में बने उत्पादों का स्टॉल भी लगाया गया है और नागरिकों को नए कानूनों की व्यापक जानकारी देने के लिए अनेक शैक्षिक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।

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