दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि सरकार की Vodafone Idea (Vi) को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (PSU) में तब्दील करने की कोई योजना नहीं है। 2 जुलाई को उन्होंने एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि भले ही कंपनी हिस्सेदारी बदलने के विकल्पों पर विचार कर रही हो, लेकिन सरकार 49% से अधिक इक्विटी नहीं ले सकती। उन्होंने दो टूक कहा, “हमारी मंशा Vi को PSU में बदलने की नहीं है।“
उन्होंने यह भी बताया कि हर टेलीकॉम कंपनी को बकाया राशि के एवज में इक्विटी में परिवर्तन का अनुरोध करने का अधिकार है, लेकिन प्रत्येक मामले की दूरसंचार विभाग (DoT) और वित्त मंत्रालय द्वारा सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी। सिंधिया ने कहा, “हर ऑपरेटर को इक्विटी कन्वर्जन का हक है। भारती एयरटेल भी ऐसा कर चुकी है। DOT की जांच पूरी होने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।“
टेलीकॉम क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ज़रूरी
दूरसंचार मंत्री ने उद्योग में प्रतिस्पर्धा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि किसी भी क्षेत्र में केवल दो कंपनियों का वर्चस्व उचित नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि अधिकांश देशों में मोबाइल सेवाएं प्रदान करने वाली कम से कम चार कंपनियां होती हैं।
सिंधिया ने भारत के टेलीकॉम सेक्टर में हो रहे पूंजी निवेश की सराहना करते हुए कहा, “भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने वैश्विक स्तर पर निवेश के मामले में एक मिसाल कायम की है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे मुनाफा कमाने की रणनीति खुद तय करें।
सैटकॉम और TRAI सिफारिशों पर भी दी सफाई
सैटेलाइट संचार (Satcom) के लिए स्पेक्ट्रम की कीमत निर्धारण को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंधिया ने बताया कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सभी संबंधित पक्षों से परामर्श के बाद अपनी सिफारिशें दी हैं। उन्होंने कहा, “सैटकॉम साझा स्पेक्ट्रम पर आधारित सेवा है, इसलिए इसकी कीमत का निर्धारण निजी स्पेक्ट्रम की तरह नहीं किया जा सकता।“
उन्होंने यह भी बताया कि TRAI की सिफारिशों को मंजूरी देने में आमतौर पर कुछ समय लगता है, लेकिन भरोसा जताया कि सभी पक्षों को ध्यान में रखकर ही सुझाव दिए गए हैं।