हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की अस्थियां शुक्रवार को गंगा में प्रवाहित हुईं। सोरों घाट पर अस्थियों को प्रवाहित किया गया। अस्थियां प्रवाहित करने के लिए परिजन आगरा से सुबह गंगा घाट के लिए रवाना हुए। शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की अस्थियां उनके पुत्र अविराज, पुत्री आराध्या और पत्नी कामिनी सिंह चौहान ने आदितीर्थ शूकरक्षेत्र, सोरोंजी स्थित हरि की पैड़ी (वराह-कुंड) में विसर्जित कीं। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंख नम हो गई।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ थे पृथ्वी सिंह चौहान
आठ दिसंबर को वायुसेना का हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर क्षेत्र में क्रैश हो गया था। जिसमें जनरल बिपिन रावत, पत्नी सहित 14 जवानों के साथ वेलिंग्टन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। रास्ते में ये हादसा हुआ। हेलीकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत के साथ आगरा के लाल विंग कमांडर पृथ्वी सिंह भी शहीद हो गए थे। सरन नगर निवासी पृथ्वी सिंह चौहान ही हेलीकॉप्टर के पायलट थे। उनका अंतिम संस्कार आगरा में किया गया था। शहीद के सम्मान में महापौर ने सरन नगर का नाम शहीद पृथ्वी सिंह नगर रखने की घोषणा की है। वहीं ताजगंज मोक्षधाम के नए स्थल को भी शहीद के नाम पर समर्पित किया गया है। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आगरा आए थे।
चार बहनों के इकलौते भाई थे पृथ्वी
शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान चार बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी दो बहनें आगरा में ही रहती हैं। शहीद पृथ्वी सिंह चौहान ने आगरा के मिलिट्री अस्पताल में मां की आंख के इलाज के लिए कहा था, लेकिन उससे पहले ही पृथ्वी उनकी आंखों से ओझल हो गए। आर्मी स्कूल में दाखिले के बाद पृथ्वी सिंह ने एयफोर्स ज्वाइन की थी।