सिख बंदियों की रिहाई के लिए 31 सदस्यों का जत्थे का चंडीगढ़ कूच

चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर बुधवार को हिंसक झड़प हुई थी। गुरुवार दोपहर को प्रदर्शनकारियों का 31 सदस्यीय जत्था मोहाली से चंडीगढ़ की तरफ रवाना हुआ। जगतार सिंह हवारा के पिता गुरचरण सिंह जत्थे की अगुवाई कर रहे हैं। आगे पुलिस चल रही है और पीछे पीछे जत्था। दो वकील भी साथ में मौजूद हैं।  एंटी राइट पुलिस भी मौजूद है। बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप के बाद आज मोहाली पुलिस सतर्क है। जत्थे को चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं करने दिया गया। पहले ही नाकेबंदी कर मोहाली पुलिस ने जत्थे को रोक लिया है। सतनाम वाहेगुरु का जाप करते हुए संगत सड़क पर बैठ गई है।

कोर्ट में पेशी आज 
हिंसक झड़प मामले के आरोपियों की आज कोर्ट में पेशी है। चंडीगढ़ पुलिस ने बुधवार को हुई हिंसक झड़प में सात नेताओं समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिन नेताओं के खिलाफ केस दर्ज हुआ है उनमें गुरचरण सिंह, बलविंदर सिंह, लोक अधिकार लहर, अमर सिंह चहल, दिलशेर सिंह जंडियाला, जसविंदर सिंह राजपुरा, रुपिंदर जीत सिंह व अज्ञात शामिल हैं। इन सभी पर 17 विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इनमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आर्म्स एक्ट समेत कई धाराएं हैं। 

एफआईआर में लिखा है कि प्रदर्शनकारियों के हमला करने के बाद महिला व पुरुष पुलिस कर्मचारियों ने भाग कर अपनी जान बचाई। यदि वह ऐसा नहीं करते तो प्रदर्शनकारी उन्हें जान से मार देते। पुलिस ने लिखा है कि प्रदर्शनकारियों ने उनके 20 बैरिकेड, वज्र गाड़ी में से टियर गैस एंड गन, पुलिस की अन्य गाड़ियों में से काफी सारा सामान अन्य हथियारों को लूट लिया है।

वहीं सेक्टर 52-53 के डिवाइडिंग रोड पर सेक्टर 52 के सरकारी हाई स्कूल के पास पुलिस ने बैरिकेड लगाकर सड़क को बंद कर दिया है। मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद है। लोग पैदल भी नहीं जा सकते। सीटीयू की कई बसें भी यहां लगाई गई है। ऐसा इसलिए ताकि जरूरत पड़ने पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया जा सके।

ट्रैफिक पुलिस भी तैनात है। वहीं चंडीगढ़ मोहाली बॉर्डर पर बंदी सिखों की रिहाई की मांग के लिए लगाए गए धरना स्थल पर सुखमणि साहिब का पाठ होने वाला है। 

सीएम आवास के लिए गुरुवार को अगला जत्था भेजने के एलान के बाद पंजाब पुलिस भी अलर्ट पर है। इस बार पंजाब पुलिस भी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। मोहाली में मौके पर एसपी जगजीत सिंह जल्ला खुद पहुंचे हुए हैं। उनके नेतृत्व पुलिस जत्थे को यहीं रोकना चाहती है ताकि फिर से मारपीट और तोड़-फोड़ जैसी स्थिति न बने।

सिख कैदियों की रिहाई और गुरु ग्रंथ साहिब के बेअदबी के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री का आवास घेरने निकले प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को  पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। तलवारों से भी हमला किया गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हैं। डीजीपी ने इसका ठिकरा कौमी इंसाफ मोर्चा पर फोड़ा है। इशारो-इशारों में उन्होंने पंजाब पुलिस पर भी सवाल उठाए।

मोहाली के वाईपीएस चौक के पास एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है। कौमी इंसाफ मोर्चा के समर्थक मांगों को लेकर तीन दिन से प्रदर्शनकारी पंजाब के मुख्यमंत्री आवास जाना चाहते थे। बुधवार को भी कई लोगों के जत्थे ने चंडीगढ़ में दाखिल होने की कोशिश की। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की। देखते ही देखते चंडीगढ़-मोहाली सीमा हिंसा का मैदान बन गई और पुलिस के साथ झड़प हुई।

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