व्यापारी हैं या देशद्रोही ?

रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने राज्यसभा में जानकारी दी कि पिछले 5 वर्षों में 3,40,479 नमूने लेकर कीट नाशकों की मिलावट या नकली होने का विश्लेषण किया गया। खराब या नकली कीटनाशकों का उत्पादन, आयात अथवा बिक्री करने वाली फर्मों पर मुकदमे दान दायर किये गए। 137 कम्पनियों को दोषी भी ठहराया है।

इस जानकारी के आधार पर कहा जा सकता है कि देश में बड़े पैमाने पर नकली व मिलावटी कीट नाशकों का धंधा चल रहा है। कीट नाशकों की तर्ज पर नकली व मिलावटी उर्वरकों का धंधा फल-फूल रहा है। नकली व मिलावटी रासायरिक खादों व उर्वरक तथा कीट नाशकों से करोड़ों अरबों रुपयों की फसलें नष्ट हो जाती हैं जो बड़ी राष्ट्रीय क्षति है।

जो उद्यमी या व्यापारी खराब उर्वरक व कीट नाशकों का धंधा करते हैं, उनका अपराध देशद्रोह से कम नहीं है। ऐसे दुष्ट अपराधियों को कड़ा से कड़ा दंड मिलना चाहिए। यदि वर्तमान कानून में साधारण सजा का प्रावधान है तो कड़ा दण्ड देने के लिए कानून में सरकार को संशोधन करना चाहिए।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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