कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने के बाद बोले पीएम मोदी – अभी इनको थोड़ा वक्त देने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, शनिवार को अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से आए 8 में से तीन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया है। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ने के बाद उनकी तस्वीरें भी लीं।

इससे पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचे तो उनके स्वागत में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मौजूद थे। वहीं चीतों को बाड़े में छोड़ने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहाँ की सरकार का भी धन्यवाद करता हूं जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं। मुझे विश्वास है कि ये चीते न केवल प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का बोध कराएंगे बल्कि हमारे मानवीय मूल्यों और परंपराओं से भी अवगत कराएंगे।

पीएम मोदी ने कहा, “ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ। आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है।” पीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है।

उन्होंने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहाँ का ग्रासलैंड इकोसिस्टम फिर से बहाल होगा, जैव विविधता और बढ़ेगी। आने वाले दिनों में यहां पर्यावरण पर्यटन भी बढ़ेगा। यहां विकास की नई संभावनाएं जन्म लेंगी।

चीतों को देखने के लिए लोगों को करना होगा इंतजार:

पीएम मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए अभी लोगों को कुछ महीने का इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि इन चीतों के लिए कूनो नेशनल पार्क अनजान जगह है, यहां इन्हें अपना घर बनाने के लिए समय देना होगा। इसमें कुछ महीने का समय लगेगा। उसके बाद ही लोग उन्हें देख सकेंगे।

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि दशकों पहले जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। मैं ये भी कहूँगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है।

पीएम मोदी ने कहा, “टाइगर्स की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया गया था उसे समय से पहले हासिल किया है। असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है। हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है।”

बता दें कि भारत लाए गए चीतों में दो नर हैं, जिनकी उम्र साढ़े पांच साल है। ये दोनों एक ही मां की संतान हैं। इसके अलावा पांच मादा चीतों की उम्र अलग-अलग है। इसमें एक दो साल, एक ढाई साल और एक तीन से चार साल तो दो पांच-पांच साल के हैं।

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