शनिवार को नेशनल हाईवे स्थित नर्सिंग होम पर हुई मरीज की मौत पर तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया, उन्होंने मरीज के उपचार में डॉक्टर की लापरवाही का आरोप लगाया। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। परिजनों ने बिना पुलिस कार्रवाई के ही मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया।
फलावदा थाना क्षेत्र के नानौता गांव निवासी मोहम्मद दिलशाद पुत्र रशीद पिछले कई वर्षों से अपने परिवार के साथ खतौली की नई बस्ती में रहता था। नेशनल हाईवे स्थित एक होटल पर मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहा था। शुक्रवार को दिलशाद की अचानक तबीयत खराब हो गई। परिजनों ने उसको हाईवे स्थित सेंट फ्रांसिस अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार को मरीज की अचानक अधिक तबीयत खराब होने लगी तो डॉक्टर ने आनन-फानन में उसका ऑपरेशन कर दिया। जिससे उसकी अटैक से मौत हो गई। दिलशाद की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया, उन्होंने अस्पताल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल में मोहल्ले के सैकड़ों लोग भी पहुंच गए, उन्होंने डॉक्टर पर मरीज के उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया। घंटों चले हंगामे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। अस्पताल के डॉक्टर और तीमारदारों में काफी देर तक नोकझोंक हुई। पुलिस ने हंगामा कर रहे तीमारदारों को समझाने का काफी प्रयास किया, घंटों प्रयास के बाद मामला शांत हुआ। परिजन पहले तो मृतक का पोस्टमार्टम कराने में अड़े रहे ,लेकिन डॉक्टर के बैकफुट पर आ जाने के बाद उन्होंने बिना पुलिस कार्रवाई के ही मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया।