शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला के बाद अब गोपाल कृष्ण गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से किया इनकार

राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए उम्‍मीदवार किसे बनाया जाए, विपक्ष की यह उलझन अब तक नहीं सुलझी है। शनिवार को नैशनल कॉफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने अपना नाम वापस लेने की घोषणा की। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बाद फारूक दूसरे नेता हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव से अपनी उम्मीदवारी वापस ली है। अब विपक्ष की ओर से महात्‍मा गांधी के पोते गोपालकृष्‍ण गांधी को उम्‍मीदवार बनाए जाने के आसार हैं। बीते बुधवार को ममता बनर्जी की अध्‍यक्षता में हुई 17 विपक्षी दलों की बैठक में इन्‍हीं तीन नामों पर विचार हुआ था। अब विपक्षी दल मंगलवार को संसद में मिलेंगे ताकि उम्‍मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जा सके। इस बार विपक्षी दलों की बैठक के अगुवा पवार होंगे। वह तेलंगाना राष्‍ट्र समिति को न्‍योता भेजेंगे। TRS ने पिछली बैठक में हिस्‍सा नहीं लिया था।

अब्‍दुल्‍ला ने क्‍यों वापस खींचे कदम?
सूत्रों के अनुसार, अब्‍दुल्‍ला के कदम वापस खींचने के पीछे गांधी के वे संकेत हो सकते हैं कि वे उम्‍मीदवारी तभी मंजूर करेंगे जब एंटी-बीजेपी खेमे में उनपर आम सहमति होगी। एक बयान में अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि वह बेहद अहम दौर से गुजर रहे जम्मू-कश्मीर का रास्ता तय करने में अपनी भूमिका निभाना चाहेंगे। बकौल अब्‍दुल्‍ला, ‘अभी मुझमें खासी सक्रिय राजनीति बची हुई है।’ उन्‍होंने कहा, ‘यह मेरे लिए सम्‍मान की बात है कि ममता बनर्जी साहिबा ने भारत के राष्‍ट्रपति के लिए विपक्ष के उम्‍मीदवार के रूप में मेरे नाम का प्रस्‍ताव दिया।’ संसद में अब्‍दुल्‍ला की पार्टी के केवल तीन सांसद हैं।

पवार, अब्‍दुल्‍ला नहीं तो फिर कौन?
विपक्ष की 21 जून को बैठक से पहले शिवसेना ने कहा है कि अगर विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव के लिए मजबूत उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सकता है, तो वह 2024 में समर्थ प्रधानमंत्री कैसे दे सकता है, यह सवाल लोगों के दिमाग में आएगा।अपने मुखपत्र ‘सामना’ में 17 जून को पार्टी ने कहा कि गोपालकृष्ण गांधी और फारूक अब्दुल्ला का नाम अक्सर राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सामने आता है लेकिन इनमें कड़ा मुकाबला करने की कूवत नहीं है। ऐसे में अगर पवार नहीं, तो फिर कौन? अगर इस सवाल का जवाब ढूंढने का काम छह महीने पहले किया गया होता, तो उससे इस चुनाव के प्रति विपक्ष की गंभीरता झलककर सामने आई होती।

BJP ने बनाई टीम, साथियों को पाले में करेगी
बीजेपी ने राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की सभी राज्य इकाइयों और सहयोगी दलों के बीच बेहतर तालमेल के लिए शुक्रवार को 14 सदस्यों की एक टीम बनाई। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस दल का कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। पार्टी की ओर से जारी एक नोटिस के मुताबिक, बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े और सीटी रवि इस दल में सह-संयोजक की भूमिका निभाएंगे।

सूत्रों के मुताबिक, यह दल राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की सभी राज्य इकाइयों और सहयोगी दलों से तालमेल करेगा। साथ ही वह अपने मतदाताओं (निर्वाचन मंडल के सदस्य) को वोट प्रक्रिया की बारीकियों के बारे में बताएगा। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा नड्डा सहयोगी दलों के साथ ही कुछ प्रमुख विपक्षी नेताओं और कुछ गैर-एनडीए और गैर-यूपीए दलों के नेताओं से संपर्क साध चुके हैं।

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