अफगानिस्तान से 168 भारतीयों को लेकर,गाजियाबाद के हिंडन IAF बेस पर उतरा विमान

अफगानिस्तान से भारतीयों को बड़ी संख्या में स्वेदश वापस लाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना का C-17 विमान जिसने आज सुबह अफगानिस्तान के काबुल से उड़ान भरी थी वो गाजियाबाद के हिंडन IAF बेस पर उतरा। विमान में 107 भारतीय नागरिकों सहित 168 लोग सवार थे। बता दें कि यात्रियों को अभी हवाई अड्डे से बाहर आना बाकी है क्योंकि उन्हें पहले कोरोना आरटीपीसआर कोरोना टेस्ट से गुजरना पड़ रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह करीब छह बजे एयर इंडिया के विमान उड़ान संख्या एआइ 1956 से 89 यात्री दिल्ली पहुंचे। इनमें दो यात्री नेपाल के नागरिक तथा चार राजयनिक शामिल थे। राजनयिकों में अफगानिस्तान के सिनेटर नरेंद्र सिंह खालसा व अनारकली शामिल थे। दोनों ने अफगानिस्तान से सकुशल दिल्ली पहुंचाने के लिए भारत सरकार की ओर से की गई कोशिश के लिए सरकार को धन्यवाद कहा। दोनों ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि वहां जितने भी लोग मुसीबत में हैं, भारत सरकार उनकी मदद अवश्य करेगी। इसके बाद इंडिगो का एक विमान कतर की राजधानी दोहा से दिल्ली पहुंचा। इस विमान में 135 यात्री सवार थे।

बीते दिन 87 लोगों की हुई थी वतन वापसी

वहीं शनिवार देर रात एयर इंडिया से 87 लोगों को लाया गया है। काबुल में तालिबान के चुंगल में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सभी दुनिया की सभी सरकार अपने स्तर पर अभियान चला रही है। भारत सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के जरिए आज भी काफी संख्या में लोगों को स्वेदश लाया जाएगा। 

अफगानिस्तान में हर दिन बिगड़ रहे हालात

बता दें कि भारत सरकार के अधिकारी काबुल में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए हर संभव मदद कर रहे हैं। यहां से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए सरकार की तरफ से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। इस निकासी अभियान के दौरान पहले भी भारत ने कंधार समेत अफगान के कई प्रांतो से अपने वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों निकाला जा चुकी है। हालांकि, काबुल से भारतीयों को निकालने की जानकारी रखने वाले विदेश मंत्रालय ने की मानें तो शुक्रवार देर शाम से स्थिति ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गई है। एयरपोर्ट के बाहर हजारों की संख्या में लोग जमा हुए हैं। ऐसा लग रहा है जैसे पूरा शहर ही बाहर जाने को बेताब है। वहां फायरिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।

15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान ने किया था कब्जा

गौरतलब है कि 15 अगस्त के दिन तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद से वहां पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर भाग गए। हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी सफाई भी पेश की। 

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