अक्षय कुमार की साख उनकी फिल्म ‘पृथ्वीराज चौहान’ में कसौटी पर

अपनी पिछली तीन फिल्मों ‘बेलबॉटम’, ‘अतरंगी रे’ और ‘बच्चन पांडे’ में शानदार कामयाबी के लिए तरस गए अक्षय कुमार की साख उनकी फिल्म ‘पृथ्वीराज चौहान’ में कसौटी पर है। फिल्म का ट्रेलर सोमवार को मुंबई में रिलीज हुआ। इस फिल्म को लेकर उत्साहित अक्षय कुमार कहते हैं, ‘अपने 30 साल के करियर में कभी मैंने किसी ऐतिहासिक फिल्म में काम नहीं किया। इस फिल्म का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व की बात है।’ अक्षय कुमार खुद कहते हैं कि इस फिल्म के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है। इस फिल्म को करते वक्त वह ये जानकर हैरान थे कि हिंदुस्तान के इतने बड़े योद्धा के बारे में लोग उतना नहीं जानते हैं।

पृथ्वीराज

अक्षय कुमार कहते हैं, ‘पहली बार ऐसे महान योद्धा का किरदार निभाकर मैं धन्य हो गया हूं। इसके लिए मैं फिल्म के लेखक निर्देशक डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी और निर्माता आदित्य चोपड़ा को धन्यवाद देता हूं। मुझे वह दिन याद है जब डॉक्टर साहब ने मुझे पृथ्वीराज रासो किताब पढ़ने को दी थी। मैंने किताब पढ़ी लेकिन उसके कुछ शब्द तो इतने कठिन है कि समझ में ही नही आता था। फिर डॉक्टर साहब मुझे समझाते थे।

फिल्म पृथ्वीराज

अक्षय का ये भी मानना है कि भारतीय इतिहास में पृथ्वीराज चौहान के बारे में बहुत ही कम पढ़ने को मिलता है। वह कहते हैं, ‘इस फिल्म को करने के बाद समझ में आया कि वह न सिर्फ इतने बड़े योध्या थे बल्कि दुश्मनों को भी क्षमा करना और स्त्रियों के सम्मान की रक्षा करने वाले व्यक्ति थे। यह एक एजुकेशनल फिल्म है। मैं चाहता हूं कि हर बच्चा यह फिल्म देखे और सरकार से निवेदन करता हूं कि इस फिल्म को स्कूलों में दिखाया जाए।’

पृथ्वीराज फिल्म

फिल्म ‘पृथ्वीराज’ के ट्रेलर लॉन्च पर अक्षय से सवाल हुआ कि क्या वह ये फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दिखाना चाहेंगे? इस पर अक्षय कुमार कहते हैं, ‘मैं कौन होता हूं,उन्हें फिल्म दिखाने वाला? उन्हें देखना होगा तो खुद ही देख लेंगे।

पृथ्वीराज फिल्म

पृथ्वीराज चौहान के किरदार को और बारीकी से समझने के लिए अक्षय को और क्या क्या करना पड़ा? इस पर वह कहते है, ‘अगर मैं ये कहूं कि इस फिल्म के लिए मैने बहुत कड़ी मेहनत की है तो वह झूठ होगा। दरअसल मुझे कुछ भी नही करना पड़ा जो किया फिल्म के निर्देशक डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने किया। मैंने तो सिर्फ उनको फॉलो किया। सेट पर मैं अक्षय कुमार बनके जाता था। उसके बाद डॉक्टर साहब मुझे पृथ्वीराज चौहान के रूप में पेश कर देते थे।’

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