अलीगढ़ शराब कांड : 14 और लोगों की मौत, मृतकों की संख्या हुई 85, फैक्टरी संचालक गिरफ्तार

अलीगढ़ के करसुआ गांव में जहरीली शराब (Aligarh Poison Liquor)  से बड़ी संख्या में हुई मौतों के मामले में नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि अक्टूबर 2020 में जिस शराब के ठेके को बंद करने के लिए शिकायत की गई थी, उसी ठेके से शराब खरीदने के बाद अलीगढ़ में सबसे ज़्यादा मौतें (Death) हुई हैं. गांव के प्रधान ने ठेका बंद कराने को लेकर शिकायत दी थी.

देशी शराब का ये ठेका करसुआ गांव में ही मौजूद है. लिखित शिकायत (Written Complaint) देने के बावजूद भी ठेके को बंद नहीं कराया गया था. इस ठेके से बेची गयी शराब से 20 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि करसुआ गांव के प्रधान रितेश उपाध्याय ने आबकारी विभाग से इस ठेके की शिकायत (Complaint To Liquor Shop) की थी. लेकिन इसके बाद भी विभाग ने इस ठेके को क्लीन चिट दे दी थी.

‘शिकायत के बाद भी ठेके को क्लीन चिट’

गांव के प्रधान का कहना है कि उनके पास ठेके को लेकर दी गई शिकायत की कॉपी भी मौजूद है. अलीगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में मुख्य आरोपी और 50-50 हजार के इनामी आरोपियों समेत अब तक कुल 33 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

एसएसपी कलानिधि ने कहा कि इस मामले में जांच के लिए 6 टीमें गठित की गईं थीं. वहीं सबूतों के आधार पर छापेमारी कर अवैध शराब की पैकिंग में काम आने वाली सामग्री भी बरामद की गई है. पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. जहरीली शराब  पीने से अब तक 84 लोगों की मौत हो चुकी है. जहरीली शराब की घटना को चार दिन बीत चुके हैं लेकिन मरने वालों का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है.

प्रशासन ने दी 25 मौतों की जानकारी

वहीं अब भी कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं, प्रशासन पर आरोप लग रहा है कि मौतों के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं. प्रशासन की तरफ से अब तक सिर्फ 25 मौतों की ही जानकारी दी गई है. उनका कहना है कि 25 के अलावा हुई मौतें संदिग्ध हैं. विसरा रिपोर्ट के बाद सच सामने आएगा.

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