कश्मीरी पंडितों के संगठन ऑल इंडिया कश्मीरी हिंदू फोरम का कांग्रेस में विलय

जम्मू। कश्मीरी पंडितों के संगठन ऑल इंडिया कश्मीरी हिंदू फोरम (एआईकेएचएफ) का शनिवार को यहां कांग्रेस में विलय हो गया।

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने यहां जम्मू में पार्टी मुख्यालय में एआईकेएचएफ के अध्यक्ष रतन लाल भान और संगठन के अन्य पदाधिकारियों का कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया।

एआईकेएचएफ का गठन 1998 में हुआ था। वानी ने संवाददाताओं से कहा कि एआईकेएचएफ के सैकड़ों सदस्यों का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।

वानी ने कश्मीरी पंडितों के सभी संगठनों से कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का भी आह्वान किया और साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पिछले 10 वर्षों से समुदाय को ‘मूर्ख’ बनाने का आरोप लगाया।

वानी ने कहा, ‘‘ भाजपा ने सत्ता में आने के लिए देश भर में कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा का प्रचार किया और समुदाय को आश्वासन दिया कि वे उनके पुनर्वास के लिए बहुत कुछ करेंगे, जिससे उनमें आशा जगी। भाजपा पिछले 10 वर्ष से सत्ता में है लेकिन 10 पैसे का भी काम नहीं कर पाई। ’’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मैं अन्य कश्मीरी पंडित समूहों से कांग्रेस में वापस आने की अपील करता हूं क्योंकि भाजपा पिछले 10 वर्षों से उन्हें केवल बेवकूफ बना रही है। नेहरू परिवार मूल रूप से कश्मीर से है और विस्थापित पंडितों के प्रति उनके मन में बहुत सहानुभूति है तथा पूरी कांग्रेस पार्टी में भी ऐसी ही भावना है। ’’

रतन लाल भान ने कहा कि उन्होंने अपने संगठन का कांग्रेस में विलय करने का फैसला किया क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत कुछ किया था।

भान ने कहा, ‘‘ हम ऐसा महसूस कर रहे हैं जैसे हम अपने परिवार में वापस आ गए हैं। ’’

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