शनिवार लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के लिए भारी पड़ा। झटके तो कई लगे, लेकिन दो बहुत बड़ा धक्का लगा। राजद के राज्यसभा सांसद रह चुके अशफाक करीब ने पार्टी छोड़ी सो छोड़ी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाईटेड की सदस्यता भी ग्रहण कर ली। वहां टिकट नहीं मिलने की नाराजगी थी, यहां भी वह उम्मीद नहीं। लेकिन, आ गए। इसके बाद एक और बड़ा झटका वृषिण पटेल के रूप में लगा। लालू के पुराने साथी और राजद सरकार में मंत्री रह चुके कद्दावर नेता वृषिण पटेल ने भी पार्टी छोड़ने की चिट्ठी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को भेज दी।
क्या लिखा है पत्र में
वृषिण पटेल ने प्रदेश अध्यक्ष जगतनंद सिंह को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रिय जगता बाबू, नमस्कार। उन्होंने आगे लिखा है कि मैंने महसूस किया है कि राष्ट्रीय जनता दल को समर्पित कार्यकर्ताओं की कोई आवश्यकता नहीं है। और न ही इस दल को सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव में आस्था है। मैं बहुत दु:खित मन से राष्ट्रीय जनता दल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।
पार्टी को अलविदा करने के क्या हैं कारण
जानकारों का कहना है कि वृषिण पटेल के राष्ट्रीय जनता दल से अलग होने के पीछे कई कारण हैं लेकिन मुख्य कारण यह है कि वृषिण पटेल वैशाली से सांसद रह चुके हैं। उन्हें उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी टिकट देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राष्ट्रीय जनता दल ने वैशाली से इस बार वृषिण पटेल को टिकट न देकर मुन्ना शुक्ला को टिकट देकर उम्मीदवार बना दिया है। लोगों का कहना है कि इसी बात को लेकर उनकी नाराजगी है और इसी वजह से वृषिण पटेल ने राष्ट्रीय जनता दल को अलविदा कह दिया। राज्यसभा सांसद रहे अशफाक करीम ने भी शनिवार को जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया था।