इलाहाबाद विश्वविद्यालय: फीस वृद्धि के मुद्दे को लेकर छात्रों ने किया हंगामा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में फीस वृद्धि के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को वार्ता से पहले सीनेट हॉल के बाहर जमकर हंगामा हुआ। छात्रों के एक गुट ने वहां रखे गमले तोड़ दिए, सुरक्षा कर्मियों से भिड़ गए और चीफ प्रॉक्टर को घेर लिया। पुलिस की सुरक्षा में चीफ प्रॉक्टर को बाहर निकाला गया और वार्ता स्थगित कर दी गई।

कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने छात्रों से वार्ता के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है, इसमें इविवि और जिला प्रशासन के अफसरों को शामिल किया गया है। पहले बुधवार को वार्ता होनी थी, लेकिन छात्रों की ओर से भेजी गई लिस्ट में छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारी, पूर्व छात्र, निलंबित छात्रों के नाम भी शामिल थे, सो बृहस्पतिवार को वार्ता के लिए नई लिस्ट मांगी गई थी।

Allahabad University :  फीस वृद्धि के विरोध में आंदोलन करते छात्र।

छात्रसंघ संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से वार्ता के लिए 15 छात्रों की लिस्ट दी गई, जिनमें से आठ को वार्ता के लिए बुलाया गया। इस बार वार्ता के लिए उन्हें भी आमंत्रित किया गया, जिन्होंने इविवि की प्रवेश परीक्षा दी है और फीस वृद्धि से वे सीधे प्रभावित हो रहे हैं। वार्ता सीनेट हॉल में होनी थी। हालांकि, इससे पहले ही असंतुष्ट छात्रों का एक गुट वहां पहुंच गया, जिनमें ज्यादातर छात्र एबीवीपी के थे। वार्ता में शामिल न किए जाने पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने दरवाजे को धक्का देकर सीनेट हॉल के अंदर जाने की कोशिश की। इविवि के सुरक्षा कर्मियों ने रोका तो उनसे उलझ पड़े। सीनेट हॉल के बाहर रखे गमले तोड़ दिए गए। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों और पुलिस कर्मियों से धक्कामुक्की हुई। घटना के बाद दर्जनों छात्रों ने डीएसडब्ल्यू कार्यालय के बाहर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों और चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार को घेर लिया। 

पुलिस की सुरक्षा में चीफ प्रॉक्टर को जैसे-तैसे वहां से बाहर निकाला गया। हंगामा इतना बढ़ चुका था कि कमेटी को वार्ता स्थगित करनी पड़ी। ऐसे में फीस वृद्धि के मुद्दे पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। वहीं, छात्रसंघ भवन के सामने संयुक्त संघर्ष समिति का आमरण अनशन और डीएसडब्ल्यू कार्यालय के सामने एबीवीपी का पूर्णकालिक अनशन जारी है।

संयुक्त संघर्ष समिति ने हंगामे से खुद को किया अलग
फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन कर रही संयुक्त संघर्ष समिति ने इस हंगामे से खुद को अलग कर लिया है। समिति की ओर से कहा गया है कि वार्ता के लिए सबकी सहमति से प्रतिनिधिमंडल बनाया गया था। हंगामे में समिति का कोई सदस्य शामिल नहीं था। हंगामे की वीडियो फुटेज भी है, जिसमें एबीवीपी के कार्यकर्ता नजर आ रहे हैं। संयुक्त संघर्ष समिति मांग करती है कि हंगामा करने वालों को वीडियो फुटेज के माध्यम से चिह्नित किया जाए और पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करे। समिति का आंदोलन मांगें पूरी होने तक शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा।

एबीवीपी ने कहा, सभी छात्र संगठन असंतुष्ट
एबीवीपी के प्रांत मंत्री अतेंद्र सिंह का कहना है कि वार्ता से बाहर किए जाने वाले असंतुष्ट छात्र नेताओं में एबीवीपी के साथ एनएसयूआई, समाजवादी छात्रसभा के कार्यकर्ता भी थे। सीनेट हॉल के बाहर सभी मौजूद थे। छात्रों ने कोई हंगामा नहीं किया, सिर्फ अपना विरोध दर्ज कराया। इविवि प्रशासन नहीं चाहता कि वार्ता में एबीवीपी के प्रमुख छात्र नेता शामिल हों। वैसे भी अब वार्ता की कोई जरूरत नहीं है। इविवि प्रशासन ने फीस बढ़ाने से पहले तो कोई वार्ता नहीं की थी। विश्वविद्यालय फीस वृद्धि वापस कर ले, आंदोलन स्वत: समाप्त हो जाएगा।

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