अनिल दुजाना को नहीं मिली राहत, अदालत ने प्रार्थना पत्र किया खारिज

मुजफ्फरनगर। कुख्यात अनिल दुजाना को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय में पेश किया। बचाव पक्ष ने दुजाना के गैर जमानती वारंट रद्द कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-13 शक्ति सिंह ने प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।

एडीजीसी परविंद्र ने बताया कि करीब नौ साल पहले वर्ष 2013 में छपार में खाद व्यापारी राजीव पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या की गई थी। मामले का सत्र परीक्षण अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-़13 में चल रहा है। हत्याकांड में कुख्यात अनिल दुजाना अभियुक्त है। दुजाना पिछले साल अक्तूबर के बाद से अदालत में पेश नहीं हुआ था, जिस कारण अदालत ने गैर जमानती वारंट करते हुए सीआरपीसी की धारा 82/83 की कार्रवाई की थी।

दिल्ली की मंडौली जेल में वारंट पहुंचने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा में न्यायायल में पेश किया गया। आरोपी ने अधिवक्ता के माध्यम से वारंट निरस्त कराने का प्रार्थना पत्र दिया। बचाव पक्ष ने कोराना आपदा एवं महामारी में अभियुक्त के परिवार में मौत के कारण बताते हुए नियत तारीखों पर हाजिर नहीं होने का आधार प्रस्तुत किया। न्यायाधीश ने 28 अक्तूबर 2021 से 18 अप्रैल 2022 तक लगातार 11 तिथियों पर गैर जमानती वारंट होने के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं होने को गंभीर माना है । अदालत ने इसी वजह से वारंट रद्द करने के लिए दिया गया प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया।

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