पुलिस ने जनप्रतिनिधियों से लाइसेंसी शस्त्र थानों में जमा कराने की अपील की

आचार संहिता लगते ही लाइसेंसी शस्त्र थानों में जमा कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन मुजफ्फरनगर जिले में कई माननीय ऐसे हैं, जिन्होंने अपने-अपने शस्त्र जमा नहीं कराए हैं। पुलिस माननीयों के शस्त्रों की जानकारी जुटा रही है। पुलिस का कहना है कि शस्त्र को थाने या फिर शस्त्र की दुकान पर जमा करा दें, क्योंकि चुनाव आयोग के आदेश पर यह कार्रवाई कराई जा रही है। पुलिस जनप्रतिनिधियों के आवास पर पहुंच कर अपील कर रही है, लेकिन पुलिस का आदर्श अंदाज अभी कई माननीयों पर असर नहीं हुआ है। 

मलिक और योगराज के घर में ही शस्त्र
थाना सिविल लाइन की जाट कालोनी में पूर्व राज्यमंत्री योगराज सिंह व बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक रहते है। विधायक के नाम रिवाल्वर व पूर्व मंत्री के नाम राइफल व उनकी पत्नी रेणू के नाम दोनाली बंदूक है। यह लाइसेंसी शस्त्र जमा नहीं कराए है। पूर्व राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के बेटे सौरभ स्वरूप के नाम भी लाइसेंसी रिवाल्वर जमा नहीं कराया गया।

घर में ही रखा है कपिल का रिवाल्वर
नई मंडी कोतवाली क्षेत्र में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल रहते है। पुलिस ने बताया, कि उनके नाम रिवाल्वर का लाइसेंस है। उन्होंने भी यह शस्त्र जमा नहीं कराया है।  पुरकाजी क्षेत्र के विधायक प्रमोद उटवाल व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान भी रहते है। मगर, दोनों जन प्रतिनिधियों के नाम कोई शस्त्र लाइसेंस नहीं है। वह अभी इस मामले में जानकारी जुटा रहे है।

कमाल की पुलिस
शहर कोतवाली के मोहल्ला कृष्णापुरी निवासी पूर्व विधायक व पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक के परिवार में भी शस्त्र लाइसेंस है। उन्हें जमा कराने का आश्वासन दिया गया है। वहलाना चौकी प्रभारी का कहना है कि राना परिवार की महिलाओं के नाम शस्त्र लाइसेंस है, इस बारे में जानकारी की जा रही है।

चुनाव के मद्देनजर लाइसेंसी शस्त्र जमा कराने की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा-अभिषेक यादव, एसएसपी।

अब तक सिर्फ तीन हजार लाइसेंस जमा
चुुनाव आयोग के आदेश पर जिले में तीन हजार से ज्यादा लाइसेंसी शस्त्र जमा कराए जा चुके है। जिले में करीब साढ़े 15 हजार शस्त्र लाइसेंस है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here