कर्तव्य पथ पर सेना दिखाएंगी नया दमखम, पहली बार मिस्र की टुकड़ी भी होगी शामिल

नई दिल्ली।  इस बार की गणतंत्र दिवस परेड तीनों सेनाओं के लिए कुछ खास होने जा रही है, क्योंकि पहली बार सेनाओं की ओर से नया दम-ख़म दिखाने की तैयारी है। परेड में पहली बार भारतीय वायुसेना की गरुड़ स्पेशल फोर्स हिस्सा ले रही है। इसी तरह सेना की ओर से पहली बार सभी ‘मेड इन इंडिया’ उपकरणों को प्रदर्शित किया जायेगा। भारतीय सेना ने गणतंत्र दिवस से पहले इंडिया गेट पर मंगलवार को भारत में निर्मित हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया। नौसेना भी पहली बार अपनी झांकी के जरिए समुद्र में नारी शक्ति, नए नौसेना चिह्न और गीत का प्रदर्शन करेगी।

गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार भारतीय वायु सेना का गरुड़ दल कर्तव्य पथ पर मार्च करेगा। स्क्वाड्रन लीडर पीएस जैतावत गरुड़ दल का नेतृत्व करेंगे और स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी इस दल की कमांडर होंगी। भारतीय वायु सेना अपनी झांकी में ‘पावर बियॉन्ड बाउंड्रीज’ का प्रदर्शन करेगी। स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी के नेतृत्व में 4 अधिकारियों और 144 वायु योद्धाओं का मार्चिंग दल होगा। विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि इस बार गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में भारतीय वायु सेना के 45 विमान शामिल होंगे। इसके साथ ही भारतीय नौसेना से एक और भारतीय सेना से चार हेलीकॉप्टर भी शामिल किए जाएंगे।

फ्लाईपास्ट को दो भागों में बांटा गया 

उन्होंने कहा कि इसके अलावा मिग-29, राफेल, जगुआर, एसयू-30 आदि विमानों द्वारा एरो, एब्रस्ट, एरोहेड, डायमंड और अन्य जैसे कुल 13 फॉर्मेशन होंगे। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य आकर्षण वायु सेना के फ्लाईपास्ट को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में प्रचंड का गठन होगा, उसके बाद तिरंगा, ध्वज, रुद्र और बाज़ का फ़ॉर्मेशन होगा। इसके बाद टंगेल फॉर्मेशन, वज्रंग फॉर्मेशन, उसके बाद गरुड़, नेत्रा, भीम, अमृत, त्रिशूल और विजय फॉर्मेशन होंगे। फ्लाईपास्ट में कुल 18 हेलीकॉप्टर, 8 ट्रांसपोर्ट विमान और 23 लड़ाकू विमान हिस्सा लेकर आसमान में तरह-तरह के करतब दिखाएंगे।

नौसेना का आईएल-38 विमान पहली और आखिरी बार दिखेगा 

गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय नौसेना के जासूसी विमान आईएल-38 को भी शामिल किया है। जिसे इस अवसर पर पहली और आखिरी बार कर्तव्य पथ पर उड़ान भरने का मौका दिया गया है। भारतीय नौसेना के आईएल-38एस डी विमान ने 44 वर्ष राष्ट्र को सेवाएं दीं। 17 जनवरी, 2022 को इसे नौसेना के बेड़े से हटा दिया गया। इस विमान को 1977 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। अपने पूरे सेवा काल में यह विमान मजबूती से सेना का साथ देता रहा। आईएल-38 लंबे समय तक चलने वाला और सभी मौसमों के अनुकूल पर्याप्त ऑपरेटिंग रेंज वाला विमान था। 

नौसेना की झांकी में दिखेगी समुद्र में नारी शक्ति 

नौसेना अपनी झांकी में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत समुद्र में नारी शक्ति की तैनाती और नए नौसेना चिह्न और गीत का प्रदर्शन करेगी। परेड में मार्चिंग दस्ते के साथ 80 संगीतकारों वाला भारतीय नौसेना का विश्व प्रसिद्ध ब्रास बैंड भी होगा, जिसका नेतृत्व एम एंटनी राज करेंगे। यह बैंड भारतीय नौसेना का नया गीत ‘जय भारती’ बजाएगा। वाइस एडमिरल सूरज बेरी ने बताया कि मार्चिंग टुकड़ी में 144 युवा नाविक शामिल होंगे, जिसका नेतृत्व कंटिजेंट कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत और प्लाटून कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट अश्विनी सिंह, एसएलटी वल्ली मीना एस और एसएलटी एम आदित्य करेंगे। नौसेना की झांकी के कमांडर लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रजीत चौहान होंगे। कर्तव्य पथ पर नौसेना के मार्चिंग दस्ते में पहली बार तीन महिलाएं और पांच पुरुष अग्निवीर भी परेड में भाग लेंगे।

डेयरडेविल्स टीम का नेतृत्व करेंगी महिला अधिकारी 

इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में प्रसिद्ध डेयरडेविल्स टीम का नेतृत्व करने के साथ महिला अधिकारी मोटरसाइकिल की सवारी भी करेंगी। सिग्नल ऑफ सिग्नल कोर से लेफ्टिनेंट डिंपल भाटी भारतीय सेना की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम का हिस्सा होंगी। वह एक साल से टीम के साथ ट्रेनिंग कर रही थीं। आर्मी एयर डिफेंस रेजिमेंट यूनिट से लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा परेड में ‘मेड इन इंडिया’ आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का नेतृत्व करेंगी। उन्होंने कहा कि वह हर साल टीवी पर देखने के बाद हमेशा परेड में हिस्सा लेना चाहती थीं और इस साल उनका सपना सच हो गया है। 

स्वदेशी गन से दी जाएगी 21 तोपों की सलामी 

इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना सभी ‘मेड इन इंडिया’ उपकरणों को भी प्रदर्शित करेगी। इस मौके पर 21 तोपों की सलामी भी स्वदेश निर्मित 105 मिमी इंडियन फील्ड गन्स से दी जाएगी। भारतीय सेना ने गणतंत्र दिवस से पहले मंगलवार को इंडिया गेट पर के-9 वज्र हॉवित्जर, एमबीटी अर्जुन, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश वायु रक्षा मिसाइल और क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल सहित भारत में निर्मित हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया। कैप्टन शिवाशीष सोलंकी ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में अपनी रेजिमेंट और कोर ऑफ इंजीनियर्स का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिए जाने पर यह बहुत गर्व और सम्मान की बात है। गणतंत्र दिवस परेड पूरे देश के लिए एक बहुत बड़ी घटना है, जिसे दुनिया भर में देखा जाता है। मेजर जनरल भवानीश कुमार ने बताया कि प्रदर्शित किये जाने वाले गोला-बारूद का उत्पादन भी स्वदेश में ही किया गया है। इस बार परेड कर्तव्य पथ से होते हुए लाल किले तक जाएगी, जिसमें एक मिस्र की टुकड़ी होगी। सीएपीएफ, कर्मियों, एनसीसी और एनएसएस कैडेट और अन्य भाग ले रहे हैं।

कर्तव्य पथ पर दिखेंगी इस बार 23 झांकियां

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर 23 झांकियां चलेंगी, जिनमें 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादर नगर हवेली और दमन और दीव, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल की झांकियां ऐतिहासिक विरासत वाली झलक प्रस्तुत करेंगी। इन झांकियों के जरिए परेड के दौरान देश की भौगोलिक और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए विभिन्न सफलताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा 6 विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में संस्कृति मंत्रालय, गृह मंत्रालय (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल), गृह मंत्रालय (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो), आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) की झांकियां पिछले कुछ वर्षों में किए गए कार्यों व उपलब्धियों को दर्शाएंगी।

आंचलिक आधार पर किया गया झांकियों का चयन 

गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन आंचलिक आधार पर किया गया है, जिसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को छह मंडलों उत्तरी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र, दक्षिणी क्षेत्र और पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है। आम तौर पर गणतंत्र दिवस परेड के लिए प्रत्येक क्षेत्र के आनुपातिक परिमाण के आधार पर राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों से लगभग 15 झांकियों का चयन किया जाता है। चयन प्रक्रिया में एक विशेषज्ञ समिति ने विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों के प्रस्तावों की जांच की। इसके अलावा समिति के सदस्यों ने झांकी की विषय-वस्तु, प्रस्तुति, कलात्मक प्रदर्शन और तकनीकी अंशों पर राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बातचीत भी की।

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