प्रवासी कामगारों के लिए सामुदायिक रसोई, खाद्यान्न और परिवहन की व्यवस्था करें : सुप्रीम कोर्ट

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पार काबू पाने के लिए राज्यों की ओर से लगाया गया लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए किसी दोहरी मुसीबत से कम नहीं है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों परेशानी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में (एनसीआर में आने वाले जिलों) सामुदायिक रसोई खोलने का आदेश दिया है ताकि वे उनके परिवार के सदस्यों जो फंसे हुए हैं उन्हें दो वक्त की रोटी मिल सके।

इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और हरियाणा की सरकारों को आदेश दिया है कि वो मई से एनसीआर में आत्मनिर्भर भारत स्कीम या फिर किसी दूसरी योजना के तहत प्रवासी मजदूरो को सूखा राशन मुहैया कराने के लिए योजना बनाए। इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि सूखा राशन लेने के लिए अधिकारियों की ओर से पहचान पत्र पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों को यह भी निर्देश दिया है कि एनसीआर में फंसे प्रवासी मजदूर अगर अपने घर जाना चाहते हैं तो उनको भेजने के लिए परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से दिल्ली-एनसीआर में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here