त्योहारों के मौसम में देश के ऑटोमोबाइल शोरूम एक बार फिर रौनक से भर गए हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में ग्राहकों की भीड़ ने डीलरों की उम्मीदों को नई उड़ान दी है। लंबे समय से चल रहे त्योहारी सीजन के इंतजार और सरकार की हालिया जीएसटी दरों में कटौती के कारण गाड़ियों की बिक्री में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, नवरात्रि के दौरान पैसेंजर व्हीकल (कार) की बिक्री में पिछले वर्ष की तुलना में 35% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं, सितंबर महीने में कुल वाहन रजिस्ट्रेशन 6% बढ़कर 18.27 लाख यूनिट तक पहुंच गया, जिससे बाजार में फिर से तेजी लौट आई।
FADA के उपाध्यक्ष साई गिरीधर ने बताया कि सितंबर की शुरुआत में बिक्री सुस्त रही क्योंकि ग्राहक नई जीएसटी दरों का इंतजार कर रहे थे। लेकिन जैसे ही नवरात्रि के साथ जीएसटी 2.0 लागू हुआ, बाजार में जोश लौट आया और शोरूम पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी।
कार बिक्री में रिकॉर्ड उछाल
सितंबर में पैसेंजर व्हीकल की खुदरा बिक्री बढ़कर 2.99 लाख यूनिट तक पहुंची, जो साल-दर-साल 6% अधिक है। वहीं, नवरात्रि के दौरान बिक्री 1.61 लाख से बढ़कर 2.17 लाख यूनिट पर पहुंच गई — यानी नौ दिनों में हर घंटे औसतन 1,250 कारें बिकीं। जहां पहले ग्राहक टेस्ट ड्राइव के लिए कम आ रहे थे, वहीं अब देर रात तक शोरूम में टेस्ट ड्राइव्स और डिलीवरी जारी रहीं।
डीलरों का कहना है कि कम हुए जीएसटी रेट्स और आकर्षक त्योहारी ऑफर्स ने ग्राहकों को खरीदारी के लिए प्रेरित किया है।
अब तक का सबसे बेहतर त्योहारी सीजन बनने की उम्मीद
FADA का मानना है कि यह त्योहारी सीजन भारतीय ऑटो उद्योग के इतिहास का सबसे शानदार साबित हो सकता है। जीएसटी कटौती, किसानों की बेहतर आमदनी और स्थिर ब्याज दरों ने उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाया है। संगठन का कहना है कि “अगर सप्लाई चेन में कोई बाधा नहीं आई, तो अक्टूबर का महीना भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए रिकॉर्डतोड़ साबित हो सकता है।”