जब एक तरफ टेस्ला को लेकर भारत में आयात शुल्क और एंट्री को लेकर बहस चल रही है, वहीं सूरत के एक कारोबारी ने अपने लिए टेस्ला की गाड़ी मंगवाकर सबको चौंका दिया। लवजी डालिया, जिन्हें लोग लवजी बादशाह के नाम से भी जानते हैं, भारत में टेस्ला साइबरट्रक लाने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं। इस समय देश में साइबरट्रक रखने वाले वह इकलौते इंसान हैं। आखिर लवजी डालिया कौन हैं?
लवजी डालिया - हीरों के कारोबारी से साइबरट्रक के बादशाह तक
लवजी डालिया अपनी समाजसेवी गतिविधियों के लिए भी जाने जाते हैं। वह मूल रूप से भावनगर के रहने वाले थे, लेकिन बेहतर मौके की तलाश में सूरत आ गए थे। और हां, अगर आप सोच रहे हैं कि उन्होंने कौन सा कारोबार शुरू किया था, तो जवाब है हीरों का कारोबार। बादशाह ने शुरुआत में एक डायमंड फैक्ट्री में मजदूरी का काम किया था। धीरे-धीरे अपने मेहनत और हुनर से उन्होंने खुद की डायमंड फैक्ट्री खड़ी कर ली।

उनके बड़े बेटे, पियूष डालिया ने मीडिया से बातचीत में बताया, "ऑनलाइन चेक करने पर पता चला कि यह साइबरट्रक फिलहाल भारत में इकलौता है। हमने छह महीने पहले अमेरिका के टेक्सास स्थित टेस्ला शोरूम में इसकी बुकिंग करवाई थी। सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद कुछ दिन पहले हमें इसकी डिलीवरी मिल गई। फिर गाड़ी को दुबई ले जाया गया, जहां इसका रोड रजिस्ट्रेशन कराया गया। आखिरकार यह गाड़ी समुद्री रास्ते से भारत पहुंची।"

जब एक तरफ टेस्ला को लेकर भारत में आयात शुल्क और एंट्री को लेकर बहस चल रही है, वहीं सूरत के एक कारोबारी ने अपने लिए टेस्ला की गाड़ी मंगवाकर सबको चौंका दिया। लवजी डालिया, जिन्हें लोग लवजी बादशाह के नाम से भी जानते हैं, भारत में टेस्ला साइबरट्रक लाने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं। इस समय देश में साइबरट्रक रखने वाले वह इकलौते इंसान हैं। आखिर लवजी डालिया कौन हैं?
लवजी डालिया - हीरों के कारोबारी से साइबरट्रक के बादशाह तक
लवजी डालिया अपनी समाजसेवी गतिविधियों के लिए भी जाने जाते हैं। वह मूल रूप से भावनगर के रहने वाले थे, लेकिन बेहतर मौके की तलाश में सूरत आ गए थे। और हां, अगर आप सोच रहे हैं कि उन्होंने कौन सा कारोबार शुरू किया था, तो जवाब है हीरों का कारोबार। बादशाह ने शुरुआत में एक डायमंड फैक्ट्री में मजदूरी का काम किया था। धीरे-धीरे अपने मेहनत और हुनर से उन्होंने खुद की डायमंड फैक्ट्री खड़ी कर ली।

उनके बड़े बेटे, पियूष डालिया ने मीडिया से बातचीत में बताया, "ऑनलाइन चेक करने पर पता चला कि यह साइबरट्रक फिलहाल भारत में इकलौता है। हमने छह महीने पहले अमेरिका के टेक्सास स्थित टेस्ला शोरूम में इसकी बुकिंग करवाई थी। सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद कुछ दिन पहले हमें इसकी डिलीवरी मिल गई। फिर गाड़ी को दुबई ले जाया गया, जहां इसका रोड रजिस्ट्रेशन कराया गया। आखिरकार यह गाड़ी समुद्री रास्ते से भारत पहुंची।"

साइबरट्रक - एक अनोखी इलेक्ट्रिक एसयूवी
अगर आप नहीं जानते तो बता दें कि टेस्ला साइबरट्रक जब कुछ साल पहले पहली बार लॉन्च हुआ था, तब से ही यह पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह इलेक्ट्रिक एसयूवी 122.4 kWh की बैटरी पैक का इस्तेमाल करती है, जो 'साइबरट्रक बीस्ट' वर्जन को महज 2.6 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में मदद करता है। इसकी टॉप स्पीड 209 किलोमीटर प्रति घंटा है।
पियूष डालिया ने आगे बताया, "गाड़ी को पूरी तरह चार्ज करने में छह घंटे लगते हैं और एक बार फुल चार्ज करने के बाद यह करीब 550 किलोमीटर तक चल सकती है। हम भारत में दुबई आरटीओ रजिस्ट्रेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह गाड़ी पूरी तरह ऑटोमैटिक है और इसमें लेटेस्ट और कुछ बेहद इनोवेटिव फीचर्स हैं, जो बाकी इंपोर्टेड गाड़ियों में देखने को नहीं मिलते। इस गाड़ी की दुनियाभर में काफी ज्यादा डिमांड है।"