ट्रंप की टैरिफ से ऑटो सेक्टर को 4500 करोड़ का नुकसान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दुनिया भर के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के बाद पूरे ग्लोबली मार्केट में उठा-पटक मच गई है. हालांकि, ट्रंप ने फिलहाल 90 दिनों तक टैरिफ पर पॉज लगा दिया है, लेकिन इसका दबाव भारत पर पर रहा है. खासतौर पर भारतीय ऑटो सेक्टर को आने वाले समय में 27,00 से लेकर 45,00 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.

हाल ही में रेटिंग एजेंसी ICRA ने अनुमान जताया है कि टैरिफ वॉर से ऑटो सेक्टर का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 2,700 से 4,500 करोड़ तक कम हो सकता है, जिसमें 10-15 प्रतिशत का ऑपरेटिंग प्रॉफिट और 3-6 प्रतिशत का ओवर ऑल इंडस्ट्री का प्रॉफिट कम हो सकता है. आईसीआरए का अनुमान है कि भारतीय ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए वित्त वर्ष 2024 में 3 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू के साथ. वित्त वर्ष 2026 में 6-8 प्रतिशत तक कम हो सकता है, जो पहले के से लगाए गए 8 से 10 प्रतिशत के पहले लगाए गए अनुमान से काफी कम है.

क्यों हो सकता है नुकसान

अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए इंपोर्ट टैरिफ का असर भारतीय मार्केट पर देखने को मिलेगा. टैरिफ ज्यादा होने की वजह से इंपोर्ट में कमी आएगी, जो कि सीधे तौर पर ऑटो सेक्टर के मार्केट और प्रोडक्शन को इफेक्ट करेगी.

इसके अलावा यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्त वर्ष 2026 में ऑपरेशनल मार्जिन में 50-100 आधार अंकों (बीपीएस) से कम होकर 10.5-11.5 प्रतिशत हो सकता है. जबकि, एक्सपोर्ट पर प्रभाव और भी अधिक हो सकता है, जिसमें 150-250 बीपीएस का मार्जिन कम हो सकता है.

65 प्रतिशत एक्सपोर्ट पर असर

अभी अमेरिका ने 90 दिनों तक चीन को छोड़कर बाकी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ को रोक दिया है. हालांकि, अनुमान है कि भारत के ऑटो कंपोनेंट निर्यात बास्केट का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा नए टैरिफ से प्रभावित होगा. टैरिफ पर पॉज लगाने के बाद अब 10 प्रतिशत का टैरिफ लग रहा है.

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