अयोध्या। रामानंदीय विरक्त वैष्णव परंपरा के अनुरूप रामलला आज (मंगलवार) को होली खेलेंगे। सामान्य तौर पर होली सोमवार को मनाई गई, लेकिन रामलला की होली चैत्र कृष्ण प्रतिपदा का मुहूर्त उदया तिथि में मिलने के कारण मंगलवार को मनाई जाएगी।
यह पहली होली है जब रामलला पांच शताब्दियों के बाद पुनः गरिमा के अनुरूप भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इस विशेष अवसर के लिए व्यापक तैयारी की गई है। मंगलवार को सुबह नियमित पूजन अभिषेक के बाद और शृंगार आरती से पूर्व ही रामलला को गुलाल अर्पित किया जाएगा।
कचनार के फूलों से निर्मित गुलाल
रामलला के लिए विशेष किस्म का गुलाल लखनऊ स्थित बोटैनिकल गार्डन के वैज्ञानिकों की ओर से भेंट किया गया है। यह गुलाल कचनार के फूलों से निर्मित है और इसमें किसी प्रकार के रसायन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यद्यपि रामलला को मर्यादा के अनुरूप कपोल, हथेली के ऊपरी हिस्से और पांव में ही गुलाल लगाया जाएगा किंतु अर्चक गुलाल लगाकर एक दूसरे को होली की शुभकामना देंगे।
दोपहर राजभोग में रामलला को दाल, चावल, पूरी, सब्जी, खीर, गुझिया सहित विविध व्यंजन प्रस्तुत किए जाएंगे। सायं संगीत संध्या के माध्यम से रामलला की होली शिखर का स्पर्श करेगी।
रामलला के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास के अनुसार होली तो हम हर साल मनाते थे, लेकिन इस बार की होली बिल्कुल अलग है, जहां हर होली में रामलला के लिए भव्य मंदिर का अभाव खटकता रहता था, वहीं इस बार शताब्दियों से प्रतीक्षित यह स्वप्न पूर्ण हुआ है।
यह अवसर मेरे स्वयं के ही लिए ही नहीं, करोड़ों राम भक्तों के लिए अवर्णनीय है। आचार्य सत्येंद्रदास ने न्यायालय में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के साथ अपने रामघाट स्थित आवास पर रविवार को होली खेल कर सद्भाव का भी संदेश दिया।