अयोध्या: रामलला की तीन मूर्तियां बनेंगीं, सर्वोत्तम की होगी प्राण प्रतिष्ठा

रामलला की अचल मूर्ति का निर्माण अगले सप्ताह से शुरू हो सकता है। मूर्ति बनाने वाले कारीगरों का 16 मई से अयोध्या आगमन शुरू हो जाएगा। तय हुआ है कि तीन पत्थरों पर अचल मूर्ति को आकार दिया जाएगा। इनमें से सर्वोत्तम मर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

राममंदिर में रामलला की दो मूर्तियां विराजित करने की श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना है। अस्थायी राममंदिर में वर्तमान में पूजित-प्रतिष्ठित रामलला स्थायी गर्भगृह में उत्सव मूर्ति के रूप में विराजित किए जाएंगे। जबकि एक अचल मूर्ति का भी निर्माण ट्रस्ट करा रहा है। इसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मूर्ति पांच फीट ऊंची होगी। फाउंडेशन के साथ मूर्ति की कुल ऊंचाई करीब आठ फीट हो जाएगी।

अचल मूर्ति निर्माण को लेकर देश-विदेश के अच्छे से अच्छे पत्थर मंगाए गए हैं। इनमें नेपाल से आई देवशिला भी शामिल है। अभी इन पत्थरों के परीक्षण का काम चल रहा है। इसी माह के अंत में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक होनी है। बैठक में मूर्ति निर्माण को लेकर मंथन होगा। ट्रस्ट सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के बाद यह तय किया गया है कि रामलला की तीन अचल मूर्तियां बनाई जाएंगीं। 

कर्नाटक, राजस्थान व नेपाल की देवशिला पर मूर्ति को आकार दिया जाएगा। इन तीनों में से जो मूर्ति सर्वोत्तम होगी उसे स्थायी गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा। वहीं मूर्ति का निर्माण उड़ीसा, कर्नाटक व राजस्थान के कारीगर अयोध्या में ही करेंगे।

22 को होगा ट्रस्ट के स्थायी कार्यालय का उद्घाटन 
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थायी कार्यालय का उद्घाटन 22 मई को होने जा रहा है। यह कार्यालय आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। इसका निर्माण रामजन्मभूमि परिसर के पास ही कराया गया है। अभी रामकचेहरी मंदिर में ट्रस्ट का कार्यालय संचालित हो रहा है। इसके अलावा रामघाट कार्यशाला में लेखा कार्यालय है। राममंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी ने रामजन्मभूमि परिसर में अपना अस्थायी कार्यालय बना रखा है। 

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