आजमगढ़: ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में लगे आपत्तिजनक नारे

ईद मिलादुन्नबी के मौके पर रविवार को आजमगढ़ जनपद में जगह-जगह पारंपरिक तरीके से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाले गए। इस दौरान नगर कोतवाली क्षेत्र में कुछ सिरफिरों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की और भड़काऊ नारेबाजी की। एसपी अनुराग आर्य ने कहा कि मामला संज्ञान में है। उद्दंड लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

शहर कोतवाली क्षेत्र के पुरानी कोतवाली इलाके क्षेत्र में रविवार को पारंपरिक जुलूस हर वर्ष की तरह अपने तय रास्ते से तकिया होते हुए पुरानी कोतवाली पहुंच रहा था। वहां पहुंचते ही जुलूस में शामिल कुछ युवक आपत्तिजनक और भड़काऊ नारे लगाने लगे। इस दौरान किसी ने युवकों का नारे लगाते हुए वीडियो रिकॉर्ड कर लिया।

हिंदू संगठनों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
यह वीडियो हिंदू संगठनों के साथ ही प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारियों के पास भी पहुंचा दिया। मामले में बजरंग दल गोरक्ष प्रांत एवं विश्व हिंदू परिषद आजमगढ़ के पदाधिकारी गौरव सिंह रघुवंशी ने बताया कि पुरानी कोतवाली पर जिस प्रकार से नारेबाजी की गई वह अत्यंत निंदनीय है और इस पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

वहीं एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। कुछ उद्दंड लोगों ने नारे लगाए हैं। ईद मिलादुन्नबी के बाद इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नारा-ए-तकबीर, नारा-ए-रिसालत की सदा से गूंज उठा इलाका
ईद मिलादुन्नबी पर रविवार को नगर क्षेत्र की सभी अंजुमने निस्वां गर्ल्स इंटर कॉलेज के परिसर में एकत्र हुईं। जहां से जुलूस शहर में रवाना हुआ। जुलूस में शामिल अंजुमनें नातिया कलाम पेश करती हुईं चलीं। अपराह्न लगभग तीन बजे जुलूस ए मोहम्मदी की शुरूआत हुई। हजरत मोहम्मद (सल्ल) की शान में लगाए जा रहे नारों से फिजा गूंज उठी। जुलूस नगर क्षेत्र का भ्रमण करता हुआ देर रात जामा मस्जिद पर आकर समाप्त हुआ। मोहल्ला पहाड़पुर स्थित निस्वां गर्ल्स इंटर कालेज से जुलूस हजरत मोहम्मद की शान में नातिया कलाम पढ़ते, इस्लामी झंडे व घोड़ों के साथ शिब्ली कालेज होते हुए पहाड़पुर पहुंचा। पहाड़पुर में जुलूस का स्वागत किया गया। इसके बाद जुलूस तकिया पहुंचा। इसके बाद जुलूस तकिया के बाद कोट, टेढ़िया मस्जिद, बाजबहादुर, कोट किला, दलालघाट, पुरानी कोतवाली, मुख्य चौक, पुरानी सब्जीमंडी, कटरा, बदरका, कर्बला मैदान होते हुए जामामस्जिद पहुंच कर संपन्न हुआ। 

जुलूस में शामिल अंजुमन अल्लाह ताला की शान में नाते कलाम पेश करते हुए चल रही थीं। जुलूस ‘नारा-ए-तकबीर अल्ला हू अकबर’, ‘नारा-ए-रिसालत या रसूल्लाह’ की सदा बुलंद करते और नातिया कलाम पढ़ते चले।

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