वाराणसी की रीबू श्रीवास्तव को समाजवादी पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। गुरुवार को उन्हें महिला सभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। रीबू श्रीवास्तव ने महंगाई के खिलाफ बसपा सरकार में बड़ा आंदोलन चलाया था। सर्किट हाउस के सामने आंदोलन के दौरान पुलिस को उन्होंने दौड़ाकर लाठियां छीन ली थी। इस घटना के दूसरे ही दिन पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। इसके बाद से शहर में एक दिन रीबू का और एक दिन पुलिस का नाम से रीबू श्रीवास्तव जानी जाती हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के मद्देनजर सपा अपने संगठन को मजबूत कर रही है। इसी क्रम में गुरुवार को समाजवादी पार्टी ने तीन प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की। रीबू श्रीवास्तव को महिला सभा, डा. राजपाल कश्यप को पिछड़ा वर्ग और व्यास गौड़ को अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया।
रीबू श्रीवास्तव ने बताया कि 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम करना है। सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेरने के साथ महिलाओं और कायस्थ समाज को जोड़ना है। इसके लिए वे धारदार रणनीति बनाने में जुटी हैं।
यूपी कॉलेज से पढ़ाई के दौरान स्नातक में रीबू श्रीवास्तव को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था। इसके बाद उन्होंने एमए अर्थशास्त्र की डिग्री हासिल की। सपा की युवा इकाई से राजनीति की शुरुआत 2000 में की थी। 2003 में उन्हें लोहिया वाहिनी युवा की प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी मिली थी। इसके बाद महिला सभा में प्रदेश सचिव रहीं।
रीबू श्रीवास्तव सपा मुख्य शाखा में भी प्रदेश सचिव के पद पर कार्य कर चुकी हैं। राज्यमंत्री बनने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में आगरा संसदीय क्षेत्र की प्रभारी रहीं। इसके अलावा कायस्थ समाज में विभिन्न पदों पर काम कर चुकी हैं।
2017 में कट गया था टिकट
2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन था। गठबंधन के तहत वाराणसी कैंट विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस के खाते में गई थी। अनिल श्रीवास्तव को कांग्रेस ने टिकट दिया था। नामांकन के आखिरी समय भी रीबू श्रीवास्तव पर्चा दाखिल करने पहुंची थीं। लेकिन गठबंधन की वजह से उन्हें पीछे हटना पड़ा था।