बैंक ऑफ रूस (Bank of Russia) ने अपने देश पर लगाए गए तमाम आर्थिक प्रतिबंधों के बीच इंट्रेस्ट रेट में 100 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी की है. यूरोप और अमेरिका की तरफ से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को मद्देनजर उसने महत्वपूर्ण ब्याज दरों को 9.5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है. यह दो दशक का उच्चतम स्तर है. इसके अलावा रसियन सेंट्रल बैंक ने विदेशी निवेशकों और ब्रोकरेज हाउस को रसियन सिक्यॉरिटीज बेचने से रोक दिया है. दरअसल यूरोप और अमेरिका ने रूस के 640 बिलियन डॉलर के रिजर्व के ज्यादा हिस्से को ब्लॉक कर दिया है. इससे रूस की इकोनॉमी पर बुरा असर हुआ है. यूक्रेन पर हमले (Russia-Ukraine crisis) के बीच सोमवार को रसियन करेंसी रूबल में करीब 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह डॉलर के मुकाबले ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंच गया. डॉलर के मुकाबले रूबल 117 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया.
दरअसल अमेरिका और यूरोप ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध बढ़ा दिया है. शनिवार को SWIFT इंटरनेशनल पेमेंट पर बैन कर दिया गया. इसके कारण रूस की करेंसी पर भारी दबाव है. रूस के इस फैसले को लेकर अलरिच लचमैन ने कहा कि रसियन सेंट्रल बैंक ने पैनिक सेलिंग को रोकने के लिए यह बैन लगाया है.
रूस के फॉरन रिजर्व पर रोक की कोशिश
रूस के खिलाफ कार्रवाई के तहत यूरोपियन यूनियन ने सेंट्रल बैंक ऑफ रसिया के रिजर्व असेट का मैनेजमेंट रोक दिया है. शनिवार को रूस पर SWIFT फाइनेंशियल पेमेंट पर बैन लगाया गया था. इसके अलावा रूस के करीब 640 बिलियन डॉलर रिजर्व पर भी रोक लगाने की कोशिश की गई है जिससे वह इस फंड का इस्तेमाल नहीं कर पाए. वेस्टर्न देशों की कार्रवाई पर रसियन सेंट्रल बैंक ने कहा था कि वह अपने बैंकों को कैश और नॉन-कैश रूबल लिक्विडिट प्रोवाइड करेगा.
रूस की रेटिंग कई एजेंसियों ने घटाई
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी S&P ने इस शुक्रवार को रसिया का क्रेडिट स्कोर घटाकर इन्वेस्टमेंट के लिए उपयुक्त नहीं बताया है. वहीं, मूडीज ने रूस की रेटिंग को जंक से केवल एक पायदान उपर रखा है. SWIFT ट्रांजैक्शन पर रोक लग जाने के कारण वहां के बैंकिंग सेक्टर की हालत और पतली हो सकती है.