बंगाल: नाबालिग के शव को घसीटने का मामला, प्रदर्शनकारियों ने फूंका कलियागंज थाना

पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में पिछले सप्ताह किशोरी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या और पुलिसकर्मियों द्वारा उसका शव घसीट कर ले जाने का मामला तूल पकड़ चुका है। अब इस घटना का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने कालियागंज थाने में आग लगा दी है। 

पुलिस ने इस घटना के बारे में ताजा जानकारी देते हुए बताया कि कथित तौर पर आदिवासी और राजबंशी समुदायों से जुड़े लोगों ने पुलिस का करते हुए मंगलवार दोपहर को ‘थाना घेराव’ किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और थाने पर पथराव भी किया। कलियागंज के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने जब भीड़ पर लाठीचार्ज किया तो उन लोगों ने थाने में आग लगा दी। इस दौरान एक वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया। आईपीएस अधिकारी ने बताया कि हम स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे हैं। 

कल चार पुलिस अधिकारियों को किया गया था निलंबित
इससे पहले, सोमवार को इस मामले में एएसआई रैंक के चार चार पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। पश्चिम बंगाल के पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें तीन एएसआई कालियागंज थाने में और एक रायगंज थाने पर तैनात है।

क्या है पूरा मामला 
ये घटना बीते शुक्रवार यानी 21 अप्रैल की है। उस दिन, उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज की रहने वाली नाबालिग किशोरी शाम के समय ट्यूशन जाने के लिए घर से निकली थी। देर शाम तक जब वह घर वापस नहीं लौटी तो घरवाले घबरा गए। उन्होंने आसपास के इलाकों में तलाशी शुरू की। काफी देर होने पर उन्होंने पास के थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई। गायब होने के दूसरे ही दिन पुलिस को किशोरी का शव एक नहर में मिला। इसके बाद पुलिस नाबालिग के शव को घसीटते हुए ले गई, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद लोग शुक्रवार को सड़कों पर उतरे और शनिवार को भी सुबह से स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज की और आंसू गैस के गोले छोड़े। स्थानीय लोग अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस पर पथराव किया। इतना ही नहीं प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों ने टायर जलाकर सड़क को जाम करने के साथ ही कई दुकानों में आग लगा दी थी। 

इलाके में लागू है धारा 144
शनिवार को बड़े पैमाने पर लोगों के विरोध प्रदर्शन को देखने के बाद रविवार को इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई थी। रविवार को एक पुलिस अधिकारी ने इलाके में तनाव और निषेधाज्ञा लागू होने के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एहतियाती उपाय के रूप में इलाके में निषेधाज्ञा लागू की गई है।  फिलहाल निषेधाज्ञा एक पखवाड़े के लिए लागू की गई है, लेकिन समीक्षा के आधार पर इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। उन्होंने बताया कि जब तक इलाके में धारा 144 लागू रहेगी एक साथ चार या उससे अधिक लोगों को इकट्ठे होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका उल्लघंन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।  

एनसीपीसीआर ने मांगी डीजीपी से रिपोर्ट
हालांकि, लड़की की मां द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम ने रविवार को मृतक के परिवार से मुलाकात की। एनसीपीसीआर ने सोमवार तक मामले पर राज्य के डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है।

टीएमसी और भाजपा के बीच बना टकराव का मुद्दा
इस घटना ने राज्य में पंचायत चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच जुबानी जंग छेड़ दी है। टीएमसी ने भगवा पार्टी पर इस मामले का राजनीतिकरण करने और इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की और लड़की के परिवार को कानूनी सहायता देने का वादा किया है। 

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