बिहार माओवादी मामला: एनआईए ने एक और शख्स के खिलाफ दाखिल किया पूरक आरोपपत्र

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बिहार में माओवादी गतिविधियों से जुड़े मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

अधिकारी ने कहा, रूपेश कुमार सिंह उर्फ रमन उर्फ पत्रकार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत शुक्रवार को एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया।यह मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन भाकपा (माओवादी) के सदस्यों और नेताओं द्वारा लेवी वसूली, कैडर की भर्ती और क्षेत्र में ‘भाकपा (माओवादी) आंदोलन के पुनरुत्थान’ से संबंधित गतिविधियों से जुड़ा है।

एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया, यह पूरक आरोप पत्र रोहतास पुलिस द्वारा बिहार के समहुता गांव में उमेश चौधरी के आवास पर की गई छापेमारी से उपजा है। इस अभियान से आसपास के इलाके में भाकपा (माओवादी) के सक्रिय सदस्यों और नेताओं की मौजूदगी के बारे में परेशान करने वाली जानकारी मिली।

उन्होंने कहा, ‘भाकपा (माओवादी) के इन नेताओं और सदस्यों का प्राथमिक उद्देश्य लेवी वसूली, नए कैडर की भर्ती और भाकपा (माओवादी) आंदोलन को पुनर्जीवित करना था। अभियान के परिणामस्वरूप भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य विजय कुमार आर्य और एक अन्य कैडर उमेश चौधरी को गिरफ्तार किया गया।’

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से माओवाद से संबंधित पर्चे, लेवी की रसीदें और आपत्तिजनक डेटा वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। यह मामला पिछले साल 12 अप्रैल को बिहार के रोहतास पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और 14 दिन बाद एनआईए ने फिर से दर्ज किया था। एनआईए ने पिछले साल सात और 18 नवंबर तथा इस साल 21 जनवरी को चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दायर किया था।

प्रवक्ता ने बताया कि जांच में पता चला कि रूपेश कुमार सिंह न केवल भाकपा (माओवादी) का सक्रिय कैडर था, बल्कि वह विशेष क्षेत्र समिति के सदस्य का पद भी संभाल रहा था। उन्होंने आगे कहा कि सिंह प्रतिबंधित संगठन की ‘लाल चिंगारी’ पत्रिका का मुख्य संपादक भी था। अधिकारी ने दावा किया कि सिंह ने खुद विभिन्न राज्यों में भाकपा (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों को पत्रिका की सॉफ्ट कॉपी की आपूर्ति की थी।

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